फोर्ड इंडिया ने अभी तक बंद से प्रभावित श्रमिकों के लिए योजनाओं की घोषणा की
फोर्ड मोटर कंपनी ( photo credit : pixabay )

चेन्नई, 14 सितम्बर : फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Ford India Private Limited) के प्रबंधन ने अभी तक उन कर्मचारियों के लिए अपनी योजना बनाई है, जो इसके तीन प्लांट्स- दो चेन्नई में और एक गुजरात के प्लांट्स में बंद होने से प्रभावित हुए. 9 सितंबर को, फोर्ड इंडिया ने घोषणा की थी कि वह 2021 की चौथी तिमाही तक साणंद में वाहन असेंबली और 2022 की दूसरी तिमाही तक चेन्नई में वाहन और इंजन निर्माण को बंद कर देगी. फोर्ड इंडिया ने अन्य तीन को बंद करते हुए साणंद में इंजन प्लांट्स का संचालन जारी रखने का फैसला किया है. साणंद कर्मचारी संघ के महासचिव नयन कटेशिया ने आईएएनएस से कहा, सोमवार को साणंद संयंत्र प्रबंधन ने हमारे साथ चर्चा की.

वे जानना चाहते थे कि क्या प्लांट्स को बंद करने के कंपनी के फैसले पर हमारा कोई सवाल है. उनके अनुसार, प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं था और उन्होंने कहा कि वे वापस लौटेंगे. उत्पादन लाइनों पर बची हुई कारों की असेंबली को पूरा करने का काम किया जा रहा है. इंजन प्लांट चल रहा है. इस बीच चेन्नई फोर्ड कर्मचारी संघ (सीएफईयू) ने एक बयान में कहा कि वह प्लांट्स को बंद करने के फोर्ड इंडिया के फैसले को स्वीकार नहीं करता है. उऋएव ने कंपनी प्रबंधन से अनुरोध किया है कि कारखाने के प्रस्तावित खरीदार के साथ चेन्नई प्लांट्स में श्रमिकों के लिए रोजगार सुनिश्चित करें. कंपनी प्रबंधन मंगलवार को सीएफईयू के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है. यह भी पढ़ें : PM Modi in Aligarh: सीएम योगी की तारीफ में पीएम मोदी ने कहीं यह बड़ी बातें, पहले की सरकारों को फटकारा

यूनियन के अधिकारियों ने कहा कि फोर्ड के भारत छोड़ने के फैसले से लगभग 5,300 कर्मचारियों, श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए अनिश्चित भविष्य होगा. यूनियन के अधिकारियों के मुताबिक फोर्ड इंडिया के चेन्नई प्लांट में करीब 2700 सहयोगी (स्थायी कर्मचारी) और करीब 600 कर्मचारी हैं. कटेशिया ने कहा, साणंद में, श्रमिकों की संख्या लगभग 2,000 होगी. फोर्ड इंडिया ने कहा था कि साणंद इंजन प्लांट में 500 से अधिक कर्मचारी हैं, जो निर्यात के लिए इंजन का उत्पादन करता है, और लगभग 100 कर्मचारी पुजरें के वितरण और ग्राहक सेवा का समर्थन करते हैं, भारत में फोर्ड के कारोबार का समर्थन करना जारी रखेंगे. फोर्ड इंडिया के मुताबिक, इसके फैसले से करीब 4,000 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है.