वाशिंगटन, दो अगस्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट जो बाइडेन की तुलना में पिछड़ता दिखने से चिंतित हो रहे रिपब्लिकन साथियों को व्यक्तिगत रूप से भरोसा दिला रहे हैं कि चुनाव में अभी तीन महीने हैं और 2016 में भी बाद में उनके अभियान ने जोर पकड़ा था और वह जीते थे।
हालांकि चार साल बाद परिस्थितियां बदल गयी हैं।
ट्रंप के सहयोगी इस बात से बहुत चिंतित हैं कि 2020 के चुनाव अभियान को कोविड-19 महामारी से अमेरिकी राष्ट्रपति के निपटने के तरीकों पर जनमत संग्रह की तरह लिया जा सकता है।
राष्ट्रपति का प्रचार अभियान मजबूती पाने के लिए मशक्कत कर रहा है और मतदाताओं तक ट्रंप की पहुंच बढ़ाने की दिशा में लगा हुआ है।
कुछ दिन पहले ही ट्रंप के इस बयान से ऊहापोह की स्थिति बन गयी थी कि महामारी की वजह से चुनाव टाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा था कि डाक मतदान से धोखाधड़ी की आशंका है। हालांकि इस मुद्दे पर वह विपक्ष के साथ ही अपने खेमे के लोगों के निशाने पर भी आ गये थे।
रिपब्लिकनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कई ने तो व्हाइट हाउस को आगाह किया कि ट्रंप के इस रुख को इस बात के कबूलनामे के तौर पर देखा जा सकता है कि वह हार रहे हैं और इससे उनके सीनेट में पहुंचने की संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं।
उन्होंने आगाह किया कि समय तेजी से निकल रहा है जहां कि पहले राज्य के तौर पर उत्तर कैरोलाइना में चार सितंबर से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रिपब्लिकन जॉन मैक्केन के 2008 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में वरिष्ठ सलाहकार रह चुके और ट्रंप के पुन: राष्ट्रपति बनने के विरोधी स्टीव शिमिड ने कहा, ‘‘वह हार रहे हैं और स्पर्धा से दूर होते जा रहे हैं।’’
ट्रंप के महंगे टेलीविजन विज्ञापनों पर पिछले सप्ताह अचानक से रोक लग जाने से उनके अभियान की चुनौतियां उजागर हो गयीं।
हालांकि उनके अभियान ने विज्ञापनों पर रोक को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि नये अभियान प्रबंधक बिल स्टेपियन इस बात का विश्लेषण करना चाहते हैं कि ट्रंप का विज्ञापन संदेश कब और कहां पहुंच रहा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)