Wipro Terminates 300 Employees: विप्रो ने 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंदी संस्थान के साथ काम करते पाया, दिखाया बाहर का रास्ता
विप्रो (Photo Credits: Wipro)

Wipro Terminates 300 Employees: सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने एक साथ दो जगह काम करने यानी ‘मूनलाइटिंग’ (Moonlighting) को लेकर 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही चोरी-छिपे दूसरी जगह भी काम करता है तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है. ‘मूनलाइटिंग’ के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कहा है कि कंपनी के पास ऐसे किसी भी कर्मचारी के लिए कोई स्थान नहीं है जो विप्रो के ‘पेरोल’ पर रहते हुए प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ भी काम करते है.

प्रेमजी ने बुधवार को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, ‘‘मूनलाइटिंग कंपनी के प्रति निष्ठा का पूरी तरह से उल्लंघन है. उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि आज ऐसे लोग हैं जो विप्रो के साथ प्रतिद्वंदी कंपनी के लिए भी काम कर रहे हैं. हमने वास्तव में पिछले कुछ महीनों में ऐसे 300 कर्मचारियों का पता लगाया है, जो वाकई में ऐसा कर रहे हैं. जब 300 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उल्लंघन के इन मामलों में कर्मचारियों की सेवाएं ‘समाप्त’ कर दी गई हैं. आईटी कंपनियां दरअसल चिंतित हैं कि नियमित काम के घंटों के बाद दूसरी नौकरी करने वाले कर्मचारी काम की ‘उत्पादकता’ को प्रभावित करेंगे और इसके कारण टकराव और डेटा उल्लंघन जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है. यह भी पढ़े: MP: बिना सैलरी दिए कंपनी ने नौकरी से निकाला, फैक्ट्री के बाहर 7 कर्मचारियों ने खाया जहर

विप्रो प्रमुख शुरू से ही मूनलाइटिंग के कड़े आलोचक रहे हैं और उन्होंने इसकी तुलना कंपनी के साथ ‘धोखाधड़ी’ के रूप में भी की है. उन्होंने पिछले महीने ट्विटर पर कहा था, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचारियों के बारे में बहुत सारी बातें सामने आ रही हैं। यह सीधे और स्पष्ट तौर पर कंपनी के साथ धोखा है. विप्रो के चेयरमैन की मूनलाइटिंग पर हाल में टिप्पणी के बाद उद्योग में एक नई बहस शुरू हो गई है.

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस ने कंपनी में नौकरी के साथ अन्य कार्य करने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतवानी दी है. हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सभी कंपनियां इस मुद्दे पर सहमत नहीं हैं। टेक महिंद्रा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीपी गुरनानी ने हाल में ट्वीट कर कहा, ‘‘समय के साथ बदलते रहना जरूरी है और मैं हमारे काम करने के तरीकों में बदलाव का स्वागत करता हूं.

वहीं इन्फोसिस ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा है कि दो जगहों पर काम करने या ‘मूनलाइटिंग’ की अनुमति नहीं है। अनुबंध के किसी भी उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तथा नौकरी से निकाला भी जा सकता है.

इसके अलावा प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम ने भी ‘मूनलाइटिंग’ को अनैतिक कहा है. आईबीएम के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) संदीप पटेल ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा कि कर्मचारी अपने बाकी समय में जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन मूनलाइटिंग करना नैतिक रूप से सही नहीं है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)