देश की खबरें | विश्वभारती के कुलपति ने मुख्यमंत्री ममता से कहा, एएसआई के मानकों के तहत नई पट्टिका बनाने का काम चल रहा

कोलकाता, 29 अक्टूबर विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ने रविवार को कहा कि यूनेस्को द्वारा शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए एक नई पट्टिका ‘तैयार’ करने का काम चल रहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को शांतिनिकेतन को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने से जुड़ी पट्टिकाओं में विश्वभारती के संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं होने को लेकर केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि वह इन पट्टिकाओं को हटाए।

ममता को लिखे एक पत्र में कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने उनसे आह्वान किया कि उनके (ममता के) चापलूस जो कहते हैं, उसके आधार पर राय नहीं बनाएं।

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि क्या आप इस बात से परेशान हैं कि पट्टिका में रवीन्द्रनाथ का नाम नहीं है...मैं बस आपका ध्यान हमारी कठिनाइयों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।’’

चक्रवर्ती ने ममता से अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘कृपया अपने दिमाग का इस्तेमाल करें।’’ कुलपति ने कहा, ‘‘यूनेस्को ने शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है और हमें पट्टिका तैयार करते समय एएसआई के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है और हम ऐसा कर रहे हैं, जिसके परिणाम जल्द ही दिखाई देंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने 26 अक्टूबर को पट्टिकाओं पर टैगोर का नाम अंकित नहीं करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की आलोचना की थी और शुक्रवार सुबह तक पट्टिकाओं को नहीं बदलने पर शांतिनिकेतन में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।

पट्टिकाएं नहीं हटाए जाने पर टीएमसी ने 27 अक्टूबर को विश्वभारती विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू किया। यह प्रदर्शन रविवार तक जारी रहा और टीएमसी विधायक और मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, नलहाटी विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह और अन्य नेता पिछले तीन दिनों से स्थल पर डटे हुए हैं।

बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन को 17 सितंबर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।

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