नयी दिल्ली, 22 नवंबर प्रमुख खनन कंपनी, वेदांता लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने कंपनी को प्रस्तावित विभाजन पर चर्चा के लिए अगले 90 दिनों में अपने सुरक्षित और असुरक्षित कर्जदाताओं और शेयरधारकों की बैठक बुलाने की अनुमति दी है।
प्रस्तावित विभाजन से एल्युमीनियम, तेल और गैस, बिजली, इस्पात एवं लौह सामग्री, और मूल धातु व्यवसायों वाली स्वतंत्र कंपनियां बनेंगी। मौजूदा जस्ता और नए व्यवसाय वेदांता लिमिटेड के पास रहेंगे।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दो सदस्यीय...तकनीकी सदस्य मधु सिन्हा और न्यायिक सदस्य रीता कोहली...की पीठ ने 21 नवंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘शेयरधारकों की बैठक...आदेश प्राप्त होने की तिथि से 90 दिनों के भीतर बुलाई और आयोजित की जाएगी।’’
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने पहले कहा था कि कंपनी के विविध घटक, जो 15 से अधिक जिंसों का प्रतिनिधित्व करते हैं, के प्रस्तावित विभाजन से कंपनी संपत्ति प्रबंधक से संपत्ति मालिक बन जाएगी।
चेयरमैन ने कहा था कि जैसे-जैसे कंपनी बदलाव के चरण से गुजर रही है, वेदांता अपने परिसंपत्ति आधार को मजबूत करने और एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि अपने प्रत्येक खंड में अगुवा के रूप में उभर सके।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)