जरुरी जानकारी | अमेरिका के पास भारी निवेश अधिशेष, भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में हो सकता उपयोग: गोयल

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के पास भारी निवेश अधिशेष है जिसका उपयोग भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में किया जा सकता है। साथ ही इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास को और गति देने तथा सस्ती एवं प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान एवं सेवाएं प्रदान करने में मदद करने के लिए भारत में एक विनिर्माण आधार बनाया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आगे चलकर यह दोनों देशों के हित में है कि वे अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करके और अधिक व्यापक आर्थिक तथा व्यापार साझेदारी में तब्दील करें।

गोयल ने कहा कि भारत के पास अमेरिका को पेश करने के लिए कई सामान और सेवाएं हैं जिनकी वहां के उपभोक्ताओं को जरूरत है।

गोयल ने कहा कि औषधि उत्पादों के अलावा, भारत प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ, आईटी पेशेवरों, कपड़ा, चमड़ा, रत्न और आभूषण प्रदान कर सकता है क्योंकि इन क्षेत्रों के लिये अमेरिका में काफी संभावनाएं हैं।

उन्होंने यूएसआईबीसी (अमेरिका-भारत व्यापार परिषद) के ‘इंडिया आइडियाज समिट’ में कहा, ‘‘अमेरिका के पास भारी निवेश अधिशेष है जिसका उपयोग भारत में बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था को और गति देने, सस्ती और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान और सेवाएं प्रदान करने में मदद करने के लिए भारत को एक विनिर्माण आधार बनाना चाहिए। उदाहरण के लिए, भारत, अमेरिकी स्वास्थ्य क्षेत्र की लागत को काफी कम कर सकता है।’’

इस बीच, गोयल ने एक अन्य कार्यक्रम कहा कि भारत मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में सहयोग के एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में शिक्षा को शामिल करने की कोशिश कर रहा है। देश अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ इसको लेकर बातचीत कर रहा है।

भारत व्यापार समझौतों पर ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा और अन्य के साथ बातचीत कर रहा है।

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