अपर मुख्य सचिव :चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में 7451 लोग संकमित हैं जिनका इलाज चल रहा है। कुल 17, 597 लोग पूर्णतया ठीक होकर अस्पतालों से छुटटी पा चुके हैं । कोरोना वायरस संक्रमण के कुल प्रकरणों की संख्या 25, 797 हो गयी है ।
प्रसाद ने कहा कि राज्य में नमूनों की जांच की क्षमता 25 हजार प्रतिदिन के आंकडे को पार कर गयी है । बृहस्पतिवार को 27, 565 नमूने जांचे गये । अब तक कुल 8 . 10 लाख से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है ।
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उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार से मेरठ मंडल में व्यापक अभियान चल रहा है । घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है । हमारी टीमें हर घर जा रही हैं और वहां लोगों का हालचाल ले रही हैं तथा लक्षण रिकार्ड कर रही हैं । टीमें नाम की सूची भी बना रही हैं और
अधिक जोखिम वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है । यह कार्य दो जुलाई से 12 जुलाई तक चलेगा।
प्रसाद ने बताया कि बाकी 17 मंडलों में यह कार्य परसों पांच जुलाई से प्रारंभ होगा और 15 जुलाई तक चलेगा तथा हर एक घर का सर्वेक्षण किया जाएगा । टीम हर घर जाएगी और सुनिश्चित करेगी कि घर के उपर 'एस' का मार्क बनाना है और उसके नीचे तारीख लिखनी है । घर पर स्टीकर लगाना है, जिसमें बचाव के तरीके लिखे होंगे ।
उन्होंने कहा कि साबुन से लगातार हाथ धोना, मास्क, गमछे, रूमाल, दुपटटे से चेहरा ढंकने, दो गज की दूरी रखने, आरोग्य सेतु ऐप और आयुष कवच का इस्तेमाल करने के निर्देश उस पर लिखे होंगे । स्टीकर पर राज्य हेल्पलाइन नंबर भी छपा है, जिस पर जिले का नियंत्रण कक्ष नंबर भी है । पूरे प्रदेश में यह अभियान चल रहा है ।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों :पीएचसी:, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों :सीएचसी: और जिला अस्पतालों में 4444 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में भी हेल्प डेस्क बनायी गयी है। प्रसाद ने उन सरकारी विभागों का भी ब्यौरा दिया, जहां कोविड हेल्पडेस्क बनायी गयी है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से जिन लोगों को एलर्ट आये, ऐसे 1, 02, 416 लोगों को फोन किया गया है । फोन राज्य मुख्यालय नियंत्रण कक्ष से भी हो रहा है और सीएम हेल्पलाइन से भी काल किए जा रहे हैं । वहां से भी छह हजार लोगों को काल किए गए हैं ।
प्रसाद ने बताया कि 10, 102 हॉटस्पॉट क्षेत्र सहित 25, 590 इलाकों में निगरानी का कार्य किया गया है । कुल 1, 15, 33, 745 घरों में 5, 87, 91, 219 लोगों का सर्वेक्षण किया गया ।
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले प्रदेश में लक्षित ‘रैण्डम सैम्पलिंग’ करायी गयी थी । पहले उन गांवों में यह सैम्पलिंग करायी गयी थी, जहां बडी संख्या में प्रवासी कामगार और श्रमिक आये थे। फिर शहरी झुग्गी बस्तियों में और अन्य जगहों पर ऐसा किया गया।
प्रसाद ने बताया कि अब हमने कुछ और समूहों का रैण्डम सैम्पलिंग कराया है । इनमें वेंडर, फल सब्जी विक्रेता, पटरी—रेहडी वाले तथा ढाबों में काम करने वाले लोग शामिल हैं ।
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