UP Shocker: चित्रकूट जिला कारागार में तीन कैदियों की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश
(Photo : X)

लखनऊ, 31 जुलाई : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट स्थित जिला कारागार में तीन कैदियों की मौत के मामले की जांच के लिये गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की रिपोर्ट बुधवार को राज्य विधानसभा में पेश की गयी. जिला कारागार में 14 मई 2021 को हुई गोलीबारी में तीन कैदियों मुकीम उर्फ काला मेराज अहमद और अंशु दीक्षित की मौत हो गई थी. इस मामले में सरकार ने उसी साल 22 मई को सेवानिवृत्ति न्यायाधीश शशिकांत की अध्यक्षता में एक सदस्य न्यायिक जांच आयोग गठित किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्ताक्षर वाले प्रतिवेदन के साथ यह जांच रिपोर्ट बुधवार को सदन में पेश की गयी. रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दौरान ऐसे साक्ष्य मिले, जिनसे जाहिर होता है कि चित्रकूट जिला कारागार की व्यवस्थाओं में कुछ त्रुटियां थी हालांकि घटना के बाद जेल में कुछ सुधार किए गए लेकिन अब भी सुधार की बहुत गुंजाइश है.

रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि जेल में तलाशी की कमी की वजह से अस्त्र-शस्त्र और मोबाइल वगैरह कारागार में पहुंच जाता है, जिसका कैदियों द्वारा अवैध उद्देश्य से इस्तेमाल होता है. यह समस्या हल की जा सकती है बशर्ते केंद्र या राज्य सरकार के स्वतंत्र अर्द्ध सैनिक बल को जेल में आने वाले हर आगंतुक की तलाशी की जिम्मेदारी दी जाए. रिपोर्ट में कहा गया कि तलाशी लेने वाली कर्मियों की तैनाती किसी एक कारागार में तीन-चार महीने से ज्यादा ना हो. रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई कि कारागार के मुख्य द्वार पर तैनात द्वारपाल और कारगर कर्मियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं की कर्मचारियों समेत कोई भी व्यक्ति द्वारा पंजिका में अपने बारे में प्रविष्टि किए बगैर कारागार में दाखिल ना हो. रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि सामान वगैरह की तलाशी के लिए दूसरे द्वार पर कारागार के कर्मियों को भी तैनात किया जाए ताकि महत्वपूर्ण काम सिर्फ नंबरदारों के हाथों में ही ना रहे. यह भी पढ़ें : Shocking News: छत्तीसगढ़ में शराब को पानी समझकर पी गई 3 साल की बच्ची, तबियत बिगड़ने पर इलाज के दौरान मौत

रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा बैरक के मुख्य द्वार पर कारागार के कर्मचारियों को तैनात करते वक्त यह सावधानी बरती जाए ताकि मुख्य द्वार और उसकी खिड़की इत्यादि को सिर्फ जरूरत के वक्त ही खोला जाए बाकी समय उसे पर ताला लगा कर रखा जाए. रिपोर्ट में कहा गया कि चित्रकूट जिला कारागार में महिला प्रधान कारागार वार्डर और महिला कारागार वार्डर की पर्याप्त संख्या में तैनाती की जाए ताकि बिना उचित तलाशी के कोई भी महिला कारागार में दाखिल ना हो सके. रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि चित्रकूट कारागार के सभी महत्वपूर्ण स्थानों को सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में लाया जाए और यह कैमरे हर वक्त क्रियाशील रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए किसी स्थानीय एजेंसी को प्राथमिकता के आधार पर जिम्मेदारी दी जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्ताक्षर से पेश किए गए प्रतिवेदन में कहा गया कि जांच रिपोर्ट को विधानमंडल के दोनों सदनों के पटल पर प्रस्तुत करने में जो विलंब हुआ वह प्रक्रियात्मक है और यह जांच रिपोर्ट के परीक्षण और विभिन्न विभागों के परामर्श तथा उस पर कार्यवाही के कारण हुआ है. गौरतलब है कि चित्रकूट जेल में 14 मई 2021 को कैदी अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी गैंग के मेराज और बदमाश मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाद में जेलकर्मियों और पुलिस से हुई मुठभेड़ में अंशु भी मारा गया था.