लखनऊ, 22 फरवरी : उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में बेटियों से लेकर निराश्रित महिलाओं के लिए धनराशि का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत किये गये बजट में बताया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1,050 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वहीं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण के लिए 4032 करोड़ रुपये तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. महिला सामर्थ्य योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 63 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.
उन्होंने बताया कि स्व वित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. सरकार ने उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के अंतर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं, बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 56 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है. खन्ना ने बजट भाषण में घोषणा की कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशन” के रूप में छह माह से छह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार के वितरण की योजना को मूर्त रूप देने के लिए के बजट में 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. यह भी पढ़ें : UP Budget 2023: बजट में मेडिकल सेक्टर को मिला 20 हजार करोड़ से अधिक का तोहफा
सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की है. इसके अलावा छह वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने व गर्भवती, धात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित किया जाएगा जिसके लिए इस वित्तीय वर्ष के लिए 455 करोड़ 52 लाख रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है.
वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए निर्माणाधीन अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन सत्र 2023-2024 से प्रारम्भ होगा. बचे हुए निर्माण के लिए 63 करोड़ रुपये तथा उपकरण आदि के क्रय के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है. सरकार ने “मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना“ के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं 1000 रुपये चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरुष कामगारों की पत्नियों को छह हजार रुपये एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान भी बजट में किया है.