लखनऊ, 9 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश में अगले महीने संभावित नगर निकाय चुनाव के लिए सभी सियासी दल पुख्ता रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इन चुनावों को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए अपनी-अपनी तैयारियों की हकीकत जानने का अवसर माना जा रहा है. अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर कब्जा करने की कोशिशों में जुटी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव का ‘सेमीफाइनल’ माने जा रहे नगर निकाय चुनाव को भी उतनी ही गंभीरता से ले रही है. वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इसे बेहद संजीदगी से लेते हुए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. इस दफा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी इन चुनावों में पूरे दमखम से उतरने की तैयारी कर रही है, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) भी नगर निकाय चुनावों के जरिये आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियों को धार देना चाहती हैं.
प्रदेश सरकार के स्थानीय निकाय निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 438 नगर पंचायतें, 199 नगर पालिका परिषदें और 17 नगर निगम हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य में पिछली बार नगर निकायों के चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2017 में हुए थे और उस वर्ष पहली बार सभी दलों ने अपने निशान पर चुनाव लड़ा था. पिछले नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने महापौर की 16 में से 14 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं, अलीगढ़ और मेरठ नगर निगम के महापौर के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जीत हासिल की थी. यह भी पढ़ें : UP: बारावफात के जुलूस के दौरान करंट की चपेट में आने से पांच की मौत
बाद में शाहजहांपुर को भी नगर निगम का दर्जा दिया गया, जिससे प्रदेश में नगर निगमों की कुल संख्या बढ़कर 17 हो गई है.लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा आगामी नगर निकाय चुनाव में सभी 17 नगर निगमों, 200 नगर पालिका परिषदों और ज्यादातर नगर पंचायतों में जीत का परचम लहराना चाहती है. प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने ‘पीटीआई-’ से कहा, “हमारी पार्टी नगर निकाय चुनाव को भी उतनी ही गंभीरता से ले रही है, जितनी गंभीरता से लोकसभा चुनाव को ले रही है. पार्टी ने प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक तैयारियां पूरी कर ली हैं. शनिवार को राज्य के हर नगर निकाय के लिए बनाए गए प्रभारियों और सह-प्रभारियों की बैठक कर कार्ययोजना बनाई गई है.”