नयी दिल्ली, तीन जून देश के आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च 2022 के दौरान बिना बिके मकानों की संख्या तिमाही आधार पर एक प्रतिशत बढ़कर 9.01 लाख इकाई हो गई। ऐसा नई आवासीय परियोजनाओं की बढ़ी हुई पेशकश के चलते हुआ।
क्रेडाई (द कॉन्फेडरेशन ऑफ रिअल एस्टेट डेवलपर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया), कोलियर्स इंडिया और लिएसेज फोराज की एक रिपोर्ट में यह आंकड़े दिए गए।
आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान बिने मकानों की संख्या बढ़कर 9,01,967 इकाई हो गई, जो इससे पिछली तिमाही में 8,94,100 इकाई थी।
वर्तमान कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही के दौरान आठ शहरों में कुल बिना बिके मकानों में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और दिल्ली-एनसीआर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक अनबिके मकानों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत हिस्सेदारी मुंबई महानगर की थी। उसके बाद दिल्ली-एनसीआर (18 प्रतिशत) और पुणे (14 प्रतिशत) का स्थान है।
इसमें कहा गया कि कम ब्याज दरों और स्थिर कीमतों के कारण बाजार में मांग बढ़ने से बिना बिके मकानों की संख्या में 2020 की दूसरी तीमाही से 2021 की चौथी तिमाही तक लगातार गिरावट हुई। हालांकि, इसके बाद इसमें वृद्धि का सिलसिला शुरू हो गया।
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