नाईजीरिया में जन्में 30 साल के अदेसान्या ने न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर आकलैंड में लगभग चार हजार लोगों की भीड़ को संबोधित किया। अदेसान्या दस साल की उम्र से न्यूजीलैंड में रह रहे हैं।
इसी तरह की रैलियां न्यूजीलैंड के अन्य शहरों में भी निकाली गईं। देश की राजधानी वेलिंगटन में संसद के बाहर बारिश के बावजूद लोगों ने हाथों में मोमबत्ती लिए रैली निकाली।
अदेसान्या ने इस मौके पर नस्लवाद के अपने अनुभव साझा किए।
अदेसान्या ने कहा, ‘‘आप में से कितने लोग दुकान में जाते हो और अपने हाथ आपको पीठ के पीछे रखने पड़ते हैं जिससे कि उन्हें यह नहीं लगे कि आप चोरी कर रहे हो?’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप में से कितने लोग सड़क पर चलते हुए खुश होकर सामने से आ रहे व्यक्ति को सहज महसूस कराने की कोशिश करते हो जो आपको दिख रहा है कि आपसे डर रहा है।’’
अदेसान्या ने कहा कि यह उस जगह पर हुआ जहां वह रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपार्टमेंट में आया ही था और मैं सबसे ऊपर के तल पर रहता था और मुझे लिफ्ट में जाना था। श्वेत लोग मुझे देखकर उछल पड़े और मैं उन्हें देखकर हंसने लगा। अब जब वे आते हैं तो मैं एकतरफ हो जाता हूं जिससे कि वे चले जाएं और मुझे देखकर डरे नहीं।’’
अदेसान्या फ्लॉयड की मौत पर शांतिपूर्व नाराजगी दर्ज कराने की अपील करते हुए काफी भावुक भी हो गए।
एक अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड की अमेरिका के मिनियापोलिस में 25 मई को उस समय मौत हो गई जब एक पुलिसकर्मी ने उसके हाथ बांधकर घुटने से उसका गला दबा दिया था । उसके बाद से पूरे देश में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है ।
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