ठाणे (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के ठाणे शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत होने के चार महीने से अधिक समय बाद शहर के नगर निकाय प्रशासन ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
ठाणे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गृह क्षेत्र है और नगर निकाय संचालित अस्पताल में 12 और 13 अगस्त को बड़ी संख्या में मरीजों की मौत होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कुप्रबंधन का आरोप लगाया था. Cleanliness Campaign: मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव, एमवीए पर कटाक्ष करते हुए कहा, गंदगी हटाएं
ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) के एक प्रवक्ता ने बताया कि एक दिन में इतने मरीजों की मौत के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए एक असिस्टेंट डॉक्टर और एक एसोसिएट डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि मौत पर सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री शिंदे ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया था. समिति की रिपोर्ट विधानसभा के हाल के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश की गयी थी.
टीएमसी में एक सूत्र ने बताया कि 12-13 अगस्त को मरीजों की मौत के संबंध में कुछ चिकित्सकों और प्रबंधन के वरिष्ठ कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. इससे पहले, अधिकारियों ने बताया था कि कुछ मरीजों को गंभीर हालत में कलवा अस्पताल लाया गया था और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी. उन्होंने बताया था कि कुछ बुजुर्ग मरीज थे.
एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के प्रवक्ता एवं ठाणे के पूर्व महापौर नरेश म्हास्के ने कहा था कि अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती थे और उसमें एक दिन में 650 मरीजों का इलाज किया जा रहा था. बहरहाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया था कि अस्पताल में कुप्रबंधन है और उन्होंने प्रशासन से स्थिति ठीक करने को कहा था.
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