तुर्की के दक्षिण-पूर्वी शहर मार्डिन की निवासी जेहरा सिब्बिन अन्य शरणार्थियों के साथ बस से उतरीं. उनके साथ उनके दो बच्चे थे और उनके हाथ में सामान था. वह अपने लेबनानी पति के साथ बेरूत में रहती हैं. सिब्बिन (46) ने कहा, ‘‘इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने हमारे घर के नीचे वाली गली में बमबारी की. उस पल तो मुझे लगा कि सब कुछ खत्म हो गया. मैंने कहा कि मैं अब बेरूत में नहीं रहना चाहती.’’
‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने बताया कि तुर्किये के नागरिकों को नौसेना द्वारा संचालित टीसीजी बेराकटार और टीसीजी सैंकटर पोतों के जरिए स्वदेश पहुंचाया जाएगा. दक्षिणी तुर्किये स्थित मेर्सिन बंदरगाह से बुधवार सुबह छह जहाज 300 टन मानवीय आपूर्ति लेकर बेरूत पहुंचे थे, जिनमें भोजन, स्वच्छता किट, बर्तन, तंबू, बिस्तर और कंबल शामिल हैं. यह भी पढ़ें : Israel Lebanon War: हिजबुल्लाह के दर्जनों कमांड सेंटर तबाह, एयर स्ट्राइक में 50 से ज्यादा आतंकियों की मौत; इजरायल
तुर्किये के नागरिकों के अलावा बुल्गारिया, रोमानिया और कजाकिस्तान के लोग भी ने भी तुर्किये के जहाजों पर जाने के लिए आवेदन किया था. अधिकारियों ने संख्या नहीं बताई. लेबनान में तुर्किये के राजदूत अली बारिस उलूसोय ने बेराकटार के सामने खड़े होकर कहा, ‘‘इजराइल की आक्रामकता ने लेबनान और हमारे भाइयों को बुरी तरह प्रभावित किया है.’’ इजराइल और हिजबुल्ला के बीच मध्य सितंबर से तनाव बढ़ने के बाद से लेबनान में 1,300 से अधिक लोग मारे गए हैं और दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.