विदेश की खबरें | ट्रंप की वापसी से मुझे दुख हुआ: पूर्व जर्मन चांसलर मर्केल
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

जर्मन साप्ताहिक ‘डेर स्पीगेल’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में मर्केल ने कहा कि ट्रंप दुनिया खासकर बहुपक्षवाद के लिए एक चुनौती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब जो हमारे लिए इंतजार कर रहा है, वह वास्तव में आसान नहीं है क्योंकि दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था इस राष्ट्रपति के पीछे खड़ी है एवं डॉलर प्रमुख मुद्रा है।’’

मर्केल ने जर्मन चांसलर रहते हुए चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम किया। वह ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान सत्ता में थीं - यह उनके 16 साल के कार्यकाल में जर्मन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे तनावपूर्ण अवधि थी, जो 2021 के अंत में समाप्त हुई।

उन्होंने ‘ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय)’ में एक चर्चित अजीबोगरीब पल को “एक खास दृश्य” के रूप में याद किया, जब वह पहली बार मार्च 2017 में व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलने गई थीं।

फोटोग्राफर ने आवाज लगायी “हाथ मिलाइए।” और मर्केल ने धीरे से ट्रंप से पूछा: “क्या आप हाथ मिलाना चाहते हैं?” ट्रंप की ओर से कोई जवाब नहीं आया, जो अपने हाथ जोड़कर सामने देखते रहे।

मर्केल ने कहा, “मैंने फोटोग्राफर के वास्ते हाथ मिलाने के लिए उन्हें मनाने की कोशिश की क्योंकि मैंने अपने रचनात्मक तरीके से सोचा कि शायद उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि वे ऐसी तस्वीर चाहते हैं। लेकिन निश्चित रूप से उन्होंने सोच-समझकर यह इनकार किया था।”

इस यात्रा के दौरान अन्य मौकों पर भी दोनों ने एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाया।

मर्केल ने कहा,‘‘कमरे में जितने अधिक लोग थे, विजेता बनने की उनकी इच्छा उतनी ही अधिक थी।’’

उन्होंने कहा,‘‘आप उनसे बात नहीं कर सकते। हर भेंट एक प्रतियोगिता है: आप या मैं।’’

मर्केल ने कहा कि उन्हें पांच नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के खिलाफ ट्रंप की जीत पर ‘दुख’ महसूस हुआ।

एपी

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