देश की खबरें | वायनाड में आदिवासी व्यक्ति को आधा किलोमीटर तक सड़क पर कार से घसीटा गया

वायनाड (केरल), 16 दिसंबर उत्तरी केरल के वायनाड जिले में एक आदिवासी व्यक्ति का अंगूठा कार के दरवाजे में फंस जाने के बाद उसे लोगों के एक अज्ञात समूह ने करीब आधा किलोमीटर तक सड़क पर घसीटा। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यह घटना 15 दिसंबर की शाम को मनंतवाडी के कूडल कदावु में एक 'चेक डैम' के पास घटी, जिसके दृश्य आज टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित किये गये।

पुलिस के अनुसार, चेम्माडू बस्ती के निवासी मथन को कार में सवार लोगों द्वारा सड़क पर घसीटे जाने के कारण हाथ, कूल्हे और पैर में चोटें आई हैं। संदेह है कि कार सवार लोग 'चेक डैम' देखने के लिए यहां आए पर्यटक थे।

पुलिस के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमें मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को इलाके में घूमने आए पर्यटकों के दो समूहों के बीच कुछ बहस हो गई। मथन सहित स्थानीय लोगों ने मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन अंतत: उसे इस क्रूरता का शिकार होना पड़ा।"

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 49 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति का अंगूठा कार के दरवाजे में फंस गया। उन्होंने बताया कि वाहन में बैठे लोगों से कार रोकने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन इसके बावजूद वे लगभग आधा किलोमीटर तक पीड़ित व्यक्ति को सड़क पर घसीटते हुए ले गए।

उन्होंने बताया कि कार के अंदर कम से कम चार लोग थे और वे वहां से भाग गए।

उन्होंने बताया कि मथन को बाद में निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मनंतवाडी पुलिस ने इस घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 110 सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

अधिकारी ने बताया, "मामले की जांच की जा रही है और हम अभी तक आरोपियों की पहचान नहीं कर पाए हैं। हमें संदेह है कि वे पड़ोसी मलप्पुरम जिले के कुट्टीपुरम के रहने वाले थे।"

पुलिस ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में तलाशी तेज कर दी गई है तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज एकत्र की जा रही है।

इस बीच, राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग मंत्री ओ आर केलू ने सोमवार को घटना की कड़ी निंदा की और जिला पुलिस प्रमुख को दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी युवक पर हमले को बहुत गंभीर मान रही है तथा दोषियों का पता लगाने तथा उन्हें सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को घायल आदिवासी व्यक्ति को सभी प्रकार का विशेषज्ञ उपचार एवं देखभाल उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

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