नयी दिल्ली, दो अगस्त: रेलवे ने बुधवार को उस बयान को कुछ ही घंटे बाद वापस ले लिया जिसमें कहा गया था कि जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीबारी घटना के आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल की पिछली नियमित चिकित्सा जांच में किसी मानसिक विकार का पता नहीं चला था अधिकारियों ने कहा था कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह (33) पर सोमवार तड़के मुंबई के बाहरी इलाके में पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की स्वचालित हथियार से गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. यह भी पढ़े: Jaipur-Mumbai Train Firing Case: जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में फायरिंग का मामला, जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह को बाद में पकड़ लिया गया था मीडिया की खबरों में दावा किया गया था कि वह गंभीर मानसिक विकार से पीड़ित था रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मामले की जांच राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), बोरीवली द्वारा की जा रही है उसने कहा, ‘‘इस संबंध में, यह कहा जाता है कि रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबल की नियमित चिकित्सा जांच (पीएमई) की व्यवस्था है और पिछले पीएमई में ऐसी कोई बीमारी/स्थिति का पता नहीं चला था हालांकि रेलवे ने शाम को बयान वापस ले लिया.
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बिना विस्तृत जानकारी दिए बताया, "प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली गई है रेलवे ने कहा है कि इकत्तीस जुलाई को सुबह लगभग 5:23 बजे ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ ट्रेन सुरक्षा कर्मी कांस्टेबल चेतन सिंह ने अपने प्रभारी एएसआई मीणा को तब अपनी सर्विस एआरएम राइफल (एके-47) से गोली मार दी, जब वह वैतरणा रेलवे स्टेशन पर जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस के बी-5 कोच में ड्यूटी कर रहे थे उसने तीन यात्रियों की भी गोली मारकर हत्या कर दी.
सिंह को आरपीएफ पोस्ट, भयंदर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पकड़ लिया और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए बोरीवली में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया घटना की व्यापक जांच करने के लिए आरपीएफ के एडीजी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
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