जरुरी जानकारी | कोविड-19 संकट के बावजूद कश्मीर के पर्यटन उद्योग को फिर से प्रगति की उम्मीद

श्रीनगर, 26 अक्टूबर लगातार दो लॉकडाउन से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को आने वाले महीनों में हालत सुधरने की उम्मीद है। केंद्र शासित प्रदेश में पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद पहला और कोविड-19 के बाद दूसरा लॉकडाउन लगाया गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। तब से घाटी में पर्यटकों की संख्या में कमी आयी है।

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केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल अगस्त से दिसंबर के बीच घाटी में करीब 43,000 पर्यटक आए। चालू वर्ष में सितंबर तक यह संख्या 19,000 है और इसमें भी अधिकतर पर्यटक मार्च से पहले आए।

पर्यटन उद्योग के सूत्रों के मुताबिक हालांकि जुलाई में सरकार के जम्मू-कश्मीर को पर्यटन क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

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अधिकारियों ने कहा कि कई पर्यटकों ने गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम की यात्रा की है। यह पर्यटकों के बीच घाटी में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली तीन प्रमुख जगह हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में इन जगहों के लिए यात्रियों की ओर से पूछताछ बढ़ी है। विशेषकर सर्दियों के मौसम के लिए बुकिंग में बढ़ोतरी हुई है। यह घाटी में पर्यटकों के आकर्षण में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि को दर्शाता है।

ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष फारूक अहमद कुठू ने जम्मू-कश्मीर में आने वाले दिनों में पर्यटन की स्थिति में सुधार आने की उम्मीद जतायी।

उन्होंने पीटीआई- से कहा, ‘‘ कुछ गतिविधियों सकारात्मक रुख दिखा रही हैं और पर्यटन विभाग ने भी कुछ कामकाज शुरू किया है। ऐसे में पर्यटकों ने कश्मीर की यात्रा करना शुरू किया है। हमें उम्मीद है कि सर्दियों के मौसम में हालात थोड़े बेहतर होंगे।’’

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