Pakistan Election Commission: चिह्न बरकरार रखने के लिए इमरान की पार्टी 20 दिन में संगठन के चुनाव कराये : आयोग
Imran Khan Photo Credits Twitter

इस्लामाबाद, 23 नवंबर: पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को बृहस्पतिवार को आदेश दिया कि वह अपने चुनाव चिह्न के रूप में ‘बल्ले’ को बरकरार रखने के लिए 20 दिनों के भीतर पार्टी के अंदरूनी चुनाव कराये. एक मीडिया खबर में यह जानकारी दी. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा कि पीटीआई ने संविधान के मुताबिक पारदर्शी तरीके से चुनाव नहीं कराया.

आयोग ने अगस्त में पीटीआई को चुनाव कराने के लिए अंतिम चेतावनी दी थी, अन्यथा उसे चुनाव चिह्न प्राप्त करने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है. इसमें कहा गया था कि पार्टी के संविधान के तहत चुनाव 13 जून 2021 को होने थे लेकिन एक साल का विस्तार दिया गया था. पीटीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले गौहर अली खान ने कहा था कि पार्टी के चुनाव उसके संविधान में संशोधन से पहले हुये थे.

हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त ने दावा किया कि पीटीआई ने 8 जून 2022 को अपने संविधान में संशोधन किया और 10 जून 2022 को अंतर-पार्टी चुनाव कराये। ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, खान ने यह भी कहा था कि पार्टी संविधान में किये गये संशोधन को बाद में वापस ले लिया गया था. निर्वाचन अधिकारी ने कहा था उसने मई 2022 में पीटीआई को ‘‘13 जून 2022 (विस्तारित तिथि) को या उससे पहले अंतर-पार्टी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक अंतिम नोटिस जारी किया, इस अवलोकन के साथ कि आगे किसी विस्तार की अनुमति नहीं दी जाएगी’’.

इसके बाद, पीटीआई ने संशोधित पार्टी के संविधान की एक प्रति प्रस्तुत की जिसे चुनावी निकाय द्वारा ‘‘अयोग्य’’ माना गया. ईसीपी ने अक्टूबर में इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी की उस याचिका की विचारणीयता पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें पीटीआई के ‘बल्ला’ चुनाव चिह्न को छीनने की मांग की गई थी. कुछ दिनों बाद, पीटीआई ने औपचारिक रूप से चुनाव आयोग से अंतर-पार्टी चुनाव और चुनाव चिह्न आवंटन के संबंध में तुरंत एक विस्तृत लिखित आदेश जारी करने की अपील की.

निसार अहमद दुर्रानी की अध्यक्षता वाले चार सदस्यीय आयोग ने मामले की सुनवाई की. मामले पर अपना सुरक्षित फैसले की घोषणा करते हुए, ईसीपी ने बृहस्पतिवार को पीटीआई को अंतर-पार्टी चुनाव कराने और इसके सात दिनों के भीतर आयोग को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.

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