देहरादून, 14 जून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा जिले में बिनसर वन्यजीव विहार में हुए वनाग्नि हादसे के संबंध में सख्त कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को तीन वन अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए।
वहीं हादसे में गंभीर रूप से झुलसे चारों वनकर्मियों को बेहतर उपचार के लिए हवाई एंबुलेंस के जरिए एम्स, नयी दिल्ली भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘इस घटना के लिए दोषी मुख्य वन संरक्षक, कुमांउ, मुख्य वन संरक्षक, उत्तर और अल्मोड़ा के वन प्रभागीय अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दे दिए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्रवाई भविष्य में अधिकारियों के लिए एक चेतावनी भी है क्योंकि हम लंबे समय से उच्चाधिकारियों को धरातल पर जाकर स्वयं स्थिति का जायजा लेने और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश देते रहे हैं।’’
बृहस्पतिवार शाम हुई दुर्घटना में झुलसे चार वनकर्मियों को बेहतर उपचार के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से दो हवाई एंबुलेंस से दिल्ली एम्स भेजा गया। हवाई एंबुलेंस के जरिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजे गए गंभीर रूप से घायलों में ‘फायर वाचर’ कृष्ण कुमार (21), प्रांतीय रक्षक दल जवान कुंदन सिंह नेगी (44), दैनिक श्रमिक कैलाश भटट (54) और वाहन चालक भगवत सिंह भोज (38) शामिल हैं।
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी बेस अस्पताल में ‘बर्न यूनिट’ नहीं है और इसलिए घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए उन्हें हवाई एंबुलेंस से एम्स नयी दिल्ली भेजने का फैसला लिया गया।
बिनसर वन्यजीव विहार में यह दुर्घटना बृहस्पतिवार शाम को हुई जब वहां आग लगने की सूचना पर आठ वनकर्मियों का दल उसे बुझाने के लिए मौके पर पहुंचा। बोलेरो वाहन में सवार यह दल जब नीचे उतरकर वनाग्नि का जायजा ले रहा था तब तेज हवा के साथ आगे बढ़ी आग की लपटों ने उन्हें भी अपनी चपेट में ले लिया जिससे चार वनकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गयी। आग में चार अन्य वनकर्मी बुरी तरह झुलस गए। वाहन भी आग की चपेट में आकर पूरी तरह जल गया।
मुख्यमंत्री ने घटना को 'बेहद हृदयविदारक' बताते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रत्येक मृत वनकर्मी के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि देने की भी घोषणा की।
उधर, वन अधिकारियों ने बताया कि वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (भारत) ने भी मृतकों के परिवारजनों को तीन-तीन लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि सेना के हेलीकॉप्टर, वन कर्मियों तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से वन्यजीव क्षेत्र में वनाग्नि नियंत्रण के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।
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