जयपुर, 18 जून नवनिर्वाचित सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को सुझाव दिया कि यदि कोई विधायक लोकसभा के लिए चुना जाता है, तो उसे दोनों सदनों (विधानसभा और लोकसभा) का सदस्य बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह प्रावधान अमेरिका में भी है, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए?
वह मंगलवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की है। राजस्थान में आरएलपी, 'इंडिया' गठबंधन की घटक है।
संविधान के अनुच्छेद 101(2) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति संसद और राज्य विधानमंडल दोनों का सदस्य नहीं हो सकता है।
बेनीवाल ने कहा कि वह अग्निवीर योजना के बजाय सेना में जवानों की भर्ती के पुराने तरीके को बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाएंगे।
बेनीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आरएलपी खींवसर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेगी। यह सीट बेनीवाल के इस्तीफा देने से खाली हुई है।
विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी से चर्चा की जाएगी लेकिन आरएलपी चुनाव जरूर लड़ेगी।
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