देश की खबरें | कैथोलिक बिशप संस्था ने भागवत की टिप्पणी की निंदा की

नयी दिल्ली, 16 जनवरी ‘कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया’ (सीबीसीआई) ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की इस कथित टिप्पणी की आलोचना की कि प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए कहा था कि अगर ‘‘घर वापसी’’ नहीं हुई होती तो आदिवासी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ हो गये होते।

कैथोलिक बिशपों की संस्था सीबीसीआई ने यहां जारी एक बयान में उन खबरों का हवाला दिया, जिनमें कथित तौर पर कहा गया है कि भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में दावा किया था कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए ‘‘घर वापसी’’ की सराहना की थी और उनसे कहा था कि यदि संघ ने धर्मांतरण पर काम नहीं किया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ हो गया होता।

सीबीसीआई ने इन खबरों को ‘‘चौंकाने वाला’’ बताया।

संस्था ने सवाल किया कि मुखर्जी के जीवित रहते भागवत ने इस बारे में कुछ क्यों नहीं बोला।

सीबीसीआई कहा, ‘‘हम 2.3 प्रतिशत ईसाई भारतीय नागरिक इस तरह के छलपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण प्रचार से बहुत आहत महसूस कर रहे हैं।’’

‘घर वापसी’ शब्द का इस्तेमाल आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों मुसलमानों और ईसाइयों के हिंदू धर्म में लौटने के लिए करते हैं।

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