नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सोमवार को कहा कि इस मुद्दे पर तीनों सेनाओं के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के बाद किसी प्रकार की आशंका का कोई स्थान नहीं है. पार्टी ने युवाओं से आग्रह किया कि किसी प्रकार के ‘‘बहकावे’’ में ना आएं और सेना में भर्ती के इस ‘‘सुंदर अवसर’’ का लाभ उठाएं. Agnipath Protest: विरोध प्रदर्शन को लेकर UP पुलिस सख्त, अब तक 39 मुकदमें दायर कर 475 लोगों को गिरफ्तार किया
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस विषय पर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. अगर किसी भी प्रकार की कोई शंका थी तो उसका भी निवारण कर दिया गया है. इसके बाद किसी प्रकार की शंका का कोई स्थान नहीं बचता है.’’
रक्षा सेवाओं में भर्ती की इस योजना को अच्छी पहल करार देते हुए उन्होंने युवाओं से इसमें सहभागिता की अपील की. उन्होंने विश्वास जताया कि युवा तीनों सेनाओं की ओर से दिए गए बयानों में भरोसा करेंगे.
भाजपा प्रवक्ता ने युवाओं से अपील करते हुए कहा, ‘‘आप किसी प्रकार के बहकावे में ना आएं... अपने स्वार्थ में कुछ लोग भले ही भ्रमित करना चाहें... लेकिन हमें विश्वास है कि देश का युवा, सेना के वचन में आस्था व्यक्त करते हुए आगे बढ़ेगा.’’
अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी. इस योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का नियम है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी.
सेना ने कहा कि नयी भर्तियां सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अधीन होंगी और ये अग्निवीर जमीन, समुद्र या हवा में जहां कहीं भी आदेश दिया जाएगा, वहां जाने के लिए उत्तरदायी होंगे. देश के कई हिस्सों में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार को सेना ने अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की.
अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद पिछले चार दिन से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना समेत अनेक राज्यों में हुए उग्र प्रदर्शनों के बाद सोमवार को तुलनात्मक रूप से शांति देखी गई जबकि कई जगहों पर शांतिपूर्ण आंदोलन हुए.
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