जरुरी जानकारी | अपने लिए पीएलआई योजना चाहता है खिलौना क्षेत्र, निर्यात परिषद की भी मांग

नयी दिल्ली, 16 सितंबर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का खिलौना क्षेत्र तक विस्तार करने और एक अलग निर्यात प्रोत्साहन परिषद की स्थापना से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग विशेषज्ञों ने यह बात कही।

वर्तमान में पीएलआई योजना फार्मा और एसी, फ्रिज जैसे उपभोक्ता सामान सहित जैसे 14 क्षेत्रों के लिए लागू है। इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना है।

लिटिल जीनियस टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नरेश कुमार गौतम ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित समर्थन उपायों से उद्योग को मदद मिल रही है। पीएलआई योजना और एक परिषद की स्थापना से इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। इसमें रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा गुणवत्ता मानदंड और प्रत्येक खेप का अनिवार्य नमूना परीक्षण शुरू किया गया है। गुणवत्ता परीक्षण सफल होने तक बिक्री की अनुमति नहीं होगी।

गौतम ने कहा कि मैं सरकार से पीएलआई योजना में खिलौना क्षेत्र को शामिल करने और एक अलग निर्यात प्रोत्साहन परिषद स्थापित करने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार को भविष्य में वृद्धि की दिशा के लिए राष्ट्रीय खिलौना नीति बनाने पर भी विचार करना चाहिए।

गौतम ने कहा कि वर्तमान में, विभिन्न राज्य भूमि की खरीद और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मामलों के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और निर्यात की काफी संभावनाएं हैं क्योंकि दुनियाभर के लोग भारतीय खिलौनों के लिए ऑर्डर दे रहे हैं।

हाइलाइफ मार्केटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप मूना ने कहा कि वह जर्मनी जैसे देशों से महंगे खिलौनों का शतप्रतिशत आयात करते थे। अब उन्होंने भारत में बने खिलौनों की खरीद शुरू कर दी है।

मूना ने कहा कि हमारे पास दुनिया की मांग को पूरा करने की क्षमता है। हम वैश्विक फर्मों के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

प्लेग्रो टॉयज इंडिया के प्रवर्तक मनु गुप्ता ने कहा कि पिछले तीन साल में भारत से खिलौनों का निर्यात 61.38 प्रतिशत बढ़ा है। 2018-19 में यह 20.2 करोड़ डॉलर था जो 2021-22 में बढ़कर 32.6 करोड़ डॉलर हो गया है।

अजय

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