नयी दिल्ली, 15 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन में उनकी सरकार के पिछले 10 वर्षों में भारत में हुए बदलाव के साथ ही इसे वैश्विक शक्ति बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को रेखांकित किया गया है. भाजपा ने संविधान सभा में बी आर आंबेडकर की टिप्पणी का भी जिक्र किया और मोदी के समान नागरिक संहिता के आह्वान की कांग्रेस द्वारा आलोचना को संविधान निर्माताओं का ‘घोर अपमान’ बताया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया भाषण न केवल उज्ज्वल भविष्य का एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि भारत में यह अटूट विश्वास भी जगाता है कि वह इसे हासिल कर सकता है. शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भारत ने सुधार के माध्यम से आत्म-परिवर्तन की यात्रा तय की है. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘यह एक नया भारत है जो दृढ़ता से मानता है कि 140 करोड़ नागरिक महानता, समृद्धि और प्रगति निश्चित रूप से प्राप्त कर सकते हैं जिसके वे हकदार हैं.’’
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन न केवल उज्ज्वल भविष्य का एक विहंगम दृश्य पेश करता है, बल्कि भारत में इस अटूट विश्वास की शक्ति भी पैदा करता है कि वह इसे हासिल कर सकता है. शाह ने कहा कि मोदी का संबोधन एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन में पिछले 10 साल की सफलताओं से प्रेरित होकर अक्षय ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भरता, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव', समान नागरिक संहिता, चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, औद्योगिक विनिर्माण और ‘डिजाइन इन इंडिया' तथा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है. शाह ने कहा कि यह देश को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह भी पढ़ें : जिन्हें वंदे मातरम् बोलने में दिक्कत है उन्हें देश छोड़ देना चाहिए: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘मैं देश के सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे इस संबोधन को सुनें और एक मजबूत भारत के निर्माण का संकल्प लें.’’ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि मोदी का संबोधन भारत की प्रगति और भविष्य की आकांक्षाओं को दर्शाता है. नड्डा ने कहा कि अपने भाषण में उन्होंने देश के विकास को आगे बढ़ाने और भारत को विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की एक श्रृंखला को रेखांकित किया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र की उपलब्धियों पर जोर दिया और 2047 तक 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को दोहराया. जैसा कि भारत अपना 78 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, यह दृष्टिकोण हमें समृद्ध और समावेशी भविष्य की ओर प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित करता है.’’
भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार करने के लिए समान नागरिक संहिता की संभावना और वांछनीयता पर एक सदस्य की चिंता के लिए संविधान सभा में आंबेडकर के खंडन का हवाला दिया. कांग्रेस ने इससे पहले मौजूदा प्रावधानों के लिए मोदी की 'सांप्रदायिक नागरिक संहिता' वाली टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह आंबेडकर का 'घोर अपमान' है. पार्टी ने आरोप लगाया कि 'दुर्भावना, शरारत और इतिहास को खराब करने' की प्रधानमंत्री की क्षमता लाल किले से पूरी तरह प्रदर्शित हुई है.