विदेश की खबरें | यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘घोर चिंता’ का विषय : भारत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत ने कहा है कि यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘‘घोर चिंता’’ का विषय है। भारत ने इसके साथ ही इस संकट की जल्द समाप्ति के लिए सभी देशों से एकसाथ आने की अपील की ।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
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विदेश की खबरें | यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘घोर चिंता’ का विषय : भारत

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विदेश की खबरें | यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘घोर चिंता’ का विषय : भारत
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर भारत ने कहा है कि यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘‘घोर चिंता’’ का विषय है। भारत ने इसके साथ ही इस संकट की जल्द समाप्ति के लिए सभी देशों से एकसाथ आने की अपील की ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले इलाकों दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया में हाल में हुए कथित जनमत संग्रह पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत रुचिरा कम्बोज ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए पिछले सप्ताह परिषद में विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा की गई टिप्पणी का संदर्भ दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय वार्षिक सत्र को संबोधित करने आए जयशंकर ने कहा था कि ‘‘यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए घोर चिंता का विषय है।’’

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि यूक्रेन में संकट समाप्त हो और सभी पक्ष वार्ता की मेज पर लौटे।

कम्बोज ने कहा कि संघर्ष से पहले ही अनगिनत जानें जा चुकी हैं और लोगों की खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की जिंदगी नारकीय बन चुकी है। उन्होंने कहा कि संघर्ष की वजह से लाखों लोग बेघर हुए हैं और उन्हें मजबूरन पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मिलकर काम करें ताकि इस संघर्ष का समापन यथाशीघ्र सुनिश्चित किया जा सके।’’ कम्बोज ने दोहराया कि भारत ने बार-बार, दुश्मनी को खत्म करने और लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से करने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने भी राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन के साथ हुई बैठक में स्पष्ट तौर पर यह बात कही।’’

उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर टिकी है।

गौरतलब है कि समरकंद में आयोजित एससीओ के 22वें शिखर सम्मेलन से इतर मोदी ने पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि ‘‘यह युग युद्ध का नहीं है।’’

कम्बोज ने कहा कि भारत का यूक्रेन संघर्ष के प्रति मानव केंद्रित रुख कायम रहेगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर भारत ने कहा है कि यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘‘घोर चिंता’’ का विषय है। भारत ने इसके साथ ही इस संकट की जल्द समाप्ति के लिए सभी देशों से एकसाथ आने की अपील की ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले इलाकों दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया में हाल में हुए कथित जनमत संग्रह पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत रुचिरा कम्बोज ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए पिछले सप्ताह परिषद में विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा की गई टिप्पणी का संदर्भ दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय वार्षिक सत्र को संबोधित करने आए जयशंकर ने कहा था कि ‘‘यूक्रेन संकट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए घोर चिंता का विषय है।’’

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि यूक्रेन में संकट समाप्त हो और सभी पक्ष वार्ता की मेज पर लौटे।

कम्बोज ने कहा कि संघर्ष से पहले ही अनगिनत जानें जा चुकी हैं और लोगों की खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की जिंदगी नारकीय बन चुकी है। उन्होंने कहा कि संघर्ष की वजह से लाखों लोग बेघर हुए हैं और उन्हें मजबूरन पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मिलकर काम करें ताकि इस संघर्ष का समापन यथाशीघ्र सुनिश्चित किया जा सके।’’ कम्बोज ने दोहराया कि भारत ने बार-बार, दुश्मनी को खत्म करने और लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से करने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने भी राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन के साथ हुई बैठक में स्पष्ट तौर पर यह बात कही।’’

उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर टिकी है।

गौरतलब है कि समरकंद में आयोजित एससीओ के 22वें शिखर सम्मेलन से इतर मोदी ने पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि ‘‘यह युग युद्ध का नहीं है।’’

कम्बोज ने कहा कि भारत का यूक्रेन संघर्ष के प्रति मानव केंद्रित रुख कायम रहेगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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