
मुंबई, 27 मार्च : लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जान से मारने की धमकियां मिलने और कड़ी सुरक्षा के बारे में अपनी पहली टिप्पणी में सलमान खान ने कहा, ‘‘जितनी उम्र लिखी है, उतनी लिखी है.’’ खान ने बुधवार रात संवाददाताओं से कहा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल ने उनकी दिनचर्या को प्रभावित किया है और उनकी गतिविधियां भी सीमित हो गई हैं. अपने निजी जीवन और जान से मारने की धमकी मिलने के बाद कई चुनौतियों के बारे में खुलकर बात करते हुए खान ने कहा, ‘‘भगवान, अल्लाह सब उन पर है. जितनी उम्र लिखी है, उतनी लिखी है. बस यही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके (सुरक्षा) बारे में कुछ नहीं कर सकता. खल्लास. इसलिए मैं गैलेक्सी (घर) से शूटिंग के लिए जाता हूं तथा कहीं और जाए बिना सीधा गैलेक्सी लौट आता हूं.’’
सलमान को पूर्व में सुरक्षा टीम की ओर से बिना किसी व्यवधान के शहर में साइकिल चलाते देखा जा सकता था. साल 2018 में भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं जब जेल में बंद गैंगस्टर बिश्नोई ने 1998 के काले हिरण शिकार मामले में अभिनेता की संलिप्तता को लेकर जोधपुर में अदालत में पेशी के दौरान उन्हें खुलेआम जान से मारने की धमकी दी थी. तभी से खान को काफी धमकियां मिल रही हैं. अप्रैल 2024 में, कथित तौर पर बिश्नोई गिरोह के दो लोगों ने उनके बांद्रा स्थित आवास के बाहर गोलीबारी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद, उनकी बालकनी में बुलेटप्रूफ शीशे और बाहर सड़क पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी गई. दो महीने बाद, नवी मुंबई पुलिस ने दावा किया कि जब सलमान मुंबई के पास पनवेल में अपने फार्महाउस पर थे तब अभिनेता को मारने की साजिश का पता चला. अक्टूबर 2024 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद अभिनेता की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई. सिद्दीकी सलमान के करीबी दोस्त माने जाते थे. यह भी पढ़ें : मणिपुर में एनआरसी लागू कर अवैध प्रवासियों का पता लगाए सरकार : भाजपा सांसद ने रास में की मांग
खान ने अपनी कड़ी सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘आप लोग बहुत प्यारे हैं; इसलिए वे (सुरक्षाकर्मी) आपके साथ बहुत अच्छे से पेश आ रहे हैं. मैं नहीं चाहता कि वे उन लोगों के साथ भी अच्छे से पेश आएं जो इस लायक नहीं हैं.’’ इस रविवार को अपनी फिल्म ‘सिकंदर’ के रिलीज होने से पहले खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मैं मीडिया के साथ होता हूं तो मुझे फ्रिक नहीं होती, बिना मीडिया ज्यादा रोक-टोक होती है. यह (सुरक्षा) मेरी दिनचर्या को सीमित कर रही है.’’