Uttar Pradesh: बस्ती में महिला से मिलने गए दारोगा की ग्रामीणों ने की पिटाई, एसपी ने किया निलंबित
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

गोरखपुर (उप्र), 19 अगस्त: बस्ती जिले के दुबौलिया थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक (दारोगा) की ऊजी गांव में ग्रामीणों द्वारा कथित तौर पर बंधक बनाकर पिटाई करने का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार दारोगा को ऊंजी गांव में ग्रामीणों ने उस समय बंधक बना लिया और पिटाई की जब वह वहां एक महिला से मिलने गया था. बस्ती के पुलिस अधीक्षक ने दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक बस्ती आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि ऊजी गांव के ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि बस्ती के दुबौलिया थाने में तैनात उपनिरीक्षक अशोक चतुर्वेदी रात में अक्सर गांव की एक महिला के घर आता-जाता रहता था.

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का आरोप है कि बुधवार रात करीब 10.15 बजे उसने अपनी मोटरसाइकिल को जूनियर हाई स्कूल के पास छिपा दिया और एक घर में घुस गया और लगभग 3.15 बजे बाहर आया. उन्होंने कहा कि जब ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और उसे रोकने की कोशिश की तो उसने गोली चलाते हुए भागने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि हालांकि ग्रामीणों ने दारोगा का पीछा किया और उसे गन्ने के खेत में पकड़ लिया और रस्सी से एक पोल से बांधकर पीटना शुरू कर दिया जिसकी एक फोटो भी सोशल मीडिया में वायरल हो गई.

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पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अशोक चतुर्वेदी अक्टूबर 2019 में दुबौलिया पुलिस थाने में तैनात हुए और उसके बाद वह उमरिया पुलिस चौकी के प्रभारी बने लेकिन जून 2020 में उनका तबादला कर दिया गया. रिकार्ड के अनुसार इसके बाद वह एक महीने के लिए छुट्टी पर चले गए और जुलाई 2020 में उनका फिर से दुबौलिया थाने में तबादला कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक बस्ती आशीष श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया “बुधवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि ऊजी गांव के ग्रामीणों ने दुबौलिया थाने के एक उपनिरीक्षक को बंधक बना लिया है. पुलिस मौके पर पहुंची और उसे मुक्त कराया.’’

उन्‍होंने कहा कि ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि उप निरीक्षक ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलायी और उसके चरित्र के बारे में भी शिकायत की. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उपनिरीक्षक सादे पोशाक में था और ग्रामीणों के आरोपों के आधार पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. श्रीवास्तव ने कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी को ग्रामीणों से जानकारी लेने के लिए गांव भेजा गया और उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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