मुंबई, 3 अक्टूबर: हाथरस की घटना को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) ने शनिवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा चुकी है, फिर भी उत्तर प्रदेश में जंगल राज बरकरार है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं उस राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी. लेकिन उत्तर प्रदेश में कोई 'राम राज्य' नहीं है. कानून-व्यवस्था की स्थिति के मामले में यूपी में 'जंगल राज' कायम है."
पार्टी ने कहा, "राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं और युवतियों के बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं." संपादकीय में कहा गया, "हाथरस में 19 वर्षीय एक युवती के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है. अपने अंतिम बयान में, पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ बलात्कार हुआ था. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार अब कहती है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ था. उसके तुरंत बाद, यूपी के बलरामपुर में भी सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई."
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शिवसेना ने पूछा, "लेकिन इस सब के बावजूद, न तो दिल्ली में बैठे शासकों और न ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुछ किया. सरकार खुद कहती है कि जब कोई बलात्कार नहीं हुबा था, तो विपक्ष चिल्ला क्यों रहा है. लेकिन अगर महिला का बलात्कार नहीं हुआ था, तो रात में पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार क्यों किया?"
पार्टी ने कहा, "इससे पहले, जब अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने योगी आदित्यनाथ के सुरक्षा कवच को वापस ले लिया था, तब संसद में उन्होंने इसका रोना रोया था. अब वह खुद मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके राज्य में महिलाएँ सुरक्षित नहीं हैं." सामना में कहा गया कि यूपी पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने से रोक दिया. उन्होंने कहा, "गांधी को कॉलर पकड़कर जमीन पर गिरा दिया गया. एक प्रमुख राजनीतिक दल के नेता का इस तरह से अपमान करना लोकतंत्र का सामूहिक बलात्कार है." शिवसेना ने कहा कि देश पहले इतना "बेजान और असहाय" कभी नहीं था.
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