चंडीगढ़, चार जनवरी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को अन्य राज्यों के किसान संगठनों से अपील की कि वे अपने राज्यों में एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर मजबूती से आंदोलन करें ताकि केंद्र को यह संदेश दिया जा सके कि यह अकेले पंजाब की लड़ाई नहीं है।
खनौरी में आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में अपने 11 मिनट से अधिक के संबोधन के दौरान डल्लेवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की कि उनका जीवन किसानों से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। 70 वर्षीय डल्लेवाल ने महापंचायत में कहा कि देश में सात लाख किसानों ने आत्महत्या की है और वह जानते हैं कि उनके परिवारों को क्या-क्या सहना पड़ता है।
आमरण अनशन कर रहे किसान नेता को स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया और उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर एक मंच से बिस्तर पर लेटे हुए सभा को संबोधित किया।
डल्लेवाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित किसानों की मांगों का उल्लेख करते हुए संकेत दिया कि वह इसकी कठिनाइयों को समझते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई चुपचाप बैठा रहेगा और कुछ नहीं करेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल का अनशन शनिवार को 40वें दिन में प्रवेश कर गया, इसके बावजूद अब तक उन्होंने कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई है।
पिछले कुछ दिनों में डल्लेवाल ने छोटे-छोटे वीडियो संदेशों के जरिए किसानों को संबोधित किया था, लेकिन 26 नवंबर को अपना अनशन शुरू करने के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।
डल्लेवाल का संगठन पहले तीन कृषि कानूनों (अब निरस्त) के खिलाफ अपने आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा था।
डल्लेवाल ने कहा, ‘‘जब हम दिल्ली (2020-21 के आंदोलन के बाद सीमाओं) से लौटे थे, तो दूसरे राज्यों के किसान नेताओं ने कहा था कि तीन कानूनों को निरस्त करने के बाद पंजाब वापस जा रहा है... हमने उनसे कहा था कि पंजाब किसी को धोखा नहीं दे सकता।’’
किसान नेता ने कहा, ‘‘अब, पंजाब दोबारा सबसे आगे है। मैं दूसरे राज्यों के संगठनों से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि वे अपने राज्यों में मजबूती से आंदोलन करें और केंद्र सरकार को संदेश दें कि यह आंदोलन अकेले पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का है। पूरे देश को एमएसपी की जरूरत है।’’
उन्होंने सभा में कहा, ‘‘जिस तरह से आप आज बड़ी संख्या में आए हैं। अब हर गांव से एक ट्रॉली खनौरी पहुंचनी चाहिए, ताकि इस मोर्चे को मजबूती मिले।’’
डल्लेवाल ने कहा, ‘‘जो लड़ाई मैं लड़ रहा हूं, वह मैं नहीं लड़ रहा हूं। कहा जा रहा है कि डल्लेवाल लड़ रहा है... यह ईश्वर की मर्जी है। ईश्वर जैसा चाहते हैं, हम वही करते हैं।’’
अपने संक्षिप्त संबोधन में डल्लेवाल ने कहा, ‘‘जिस रात हमें सूचना मिली कि पुलिस हमें हटा सकती है, उसी रात पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में युवा खनौरी पहुंचे और मोर्चे की कमान संभाली।’’
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