लंदन, पांच मार्च (द कन्वरसेशन) रूसी हमले का यूक्रेन की ओर से जवाब मिल रहा है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इसका अंदाजा भी था. रूसी राष्ट्रपति के इस कदम का संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी जोरदार विरोध किया गया, लेकिन रूस में घरेलू स्तर पर इसे लेकर हो रहा विरोध पुतिन के लिए चिंता का विषय बन गया है. हालांकि, पुतिन को जल्दी ही तख्तापलट के जरिए हटा दिया जाएगा या जनांदोलन के जरिए उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया जाएगा, इस पर यकीन नहीं करने के तमाम स्पष्ट कारण मौजूद हैं. रूस में तीन ऐसे स्पष्ट समूह हैं जो युद्ध के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, हालांकि तीनों अलग-अलग तरीके से अपने विचार रख रहे हैं.
आम जनता युद्ध के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. रूस के एक मानवाधिकार संगठन ओवीडी-इंफो के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के हमले के पहले सप्ताह में पुलिस ने युद्ध के विरोध में प्रदर्शन करने वाले कम से कम 7,669 लोगों को हिरासत में लिया है. सेंट पीटर्सबर्ग में हिरासत में लिए गए लोगों में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी शामिल हैं. जेल में बंद विपक्ष के नेता एलेक्सी नवलनी ने पुतिन को ‘पागल जार (राजा)’ बताते हुए रूस के भीतर और बाहर प्रदर्शनों का आह्वान किया है.
सांस्कृतिक हस्तियां और बुद्धिजीवी
बुद्धिजीवियों और संस्कृति के क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी युद्ध का विरोध किया है. टीवी पर आने वाले सेलिब्रेटी, खिलाड़ियों से लेकर वैज्ञानिकों ने भी पुतिन के इस कदम का विरोध किया है. प्रतिष्ठित लोगों ने निजी तौर पर बयान जारी करने के साथ-साथ खुलेआम हस्ताक्षरित चिट्ठियां भी लिखी हैं, जिन पर देश के 44 शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं. हालांकि, इन चिट्ठियों पर हस्ताक्षर करने वालों को इसका प्रतिकूल प्रभाव भी झेलना पड़ रहा है और उनमें से कुछ की नौकरियां भी चली गयी हैं. प्रदर्शन करने वालों को हिरासत में भी लिया जा रहा है. यह भी पढ़ें : Russia-Ukraine War: कश्मीर में रहने वाली यूक्रेनी बहू ने PM मोदी से लगाई गुहार, कहा- खतरे में है मायका, मदद करो सरकार
अर्थव्यवस्था और राजनीति के क्षेत्र की हस्तियां
अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों का क्या? रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के अभूतपूर्व प्रतिबंधों के कारण रूस को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है और यह प्रशंसनीय होगा अगर वे इस संबंध में बोलेंगे. कुछ लोग इस संबंध में बोल रहे हैं. रूस के कुछ धनी लोग जैसे... तेल के क्षेत्र के उद्योगपति मिखाइल फ्रीडमैन और ओलेग देप्रिपास्का ने शांति की अपील की है. देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी ल्यूकऑयल ने भी यूक्रेन से साथ युद्ध समाप्त करने की अपील की है. लेकिन, सभी की आवाज में थोड़ी सावधानी है. शांति की अपील करना और पुतिन की प्रत्यक्ष आलोचना करना एक समान नहीं है और फ्रीडमैन इस बात को स्वीकार करते हैं. कुछ राजनीतिक हस्तियों ने भी अपनी आवाज उठायी है जैसे विश्व बैंक में रूस के सलाहकार और संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में रूसी प्रतिनिधियों ने.