पणजी, 14 अप्रैल : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ से कहा कि तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के एक मामले में बरी करने संबंधी निचली अदालत का फैसला यौन उत्पीड़न की पीड़िता के आचरण के बारे में एक ''इन्साइक्लोपीडिया'' है.
न्यायमूर्ति एम.एस. सोनक और न्यायमूर्ति आर. एन. लड्ढा की खंडपीठ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में तेजपाल को बरी किए जाने के खिलाफ अपील करने के लिए गोवा सरकार की अर्जी पर सुनवाई कर रही है. तेजपाल पर नवंबर 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक होटल की लिफ्ट में अपनी सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था. पिछले साल मई में उन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया था. यह भी पढ़ें :आंध्र प्रदेश में दर्दनाक हादसा, केमिकल की फैक्ट्री में भीषण आग लगने से 6 लोगों की मौत, 12 मजदूर घायल
अदालत में सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि निचली अदालत का फैसला इस बात का ''इन्साइक्लोपीडिया'' है कि यौन उत्पीड़न की पीड़िता का आदर्श आचरण कैसा होना चाहिए. मेहता ने कहा, ''फैसले में कहा गया है कि एक सफल वादी बनने के लिए उसे कैसा व्यवहार करना चाहिए.''