नयी दिल्ली, तीन दिसंबर कांग्रेस ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को भेदभावपूर्ण और वंचितों के लिए अलाभकारी बताते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
लोकसभा में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ी है।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आर्थिक स्थिति का जो ढांचा वर्तमान सरकार ने तोड़ दिया है, उसकी शुरुआत आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू करने के साथ हुई थी।’’
गोगोई ने पूछा कि सरकार बताए कि उसने नोटबंदी लागू करने के बाद इन आठ साल में क्या हासिल किया?
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को डिजिटल करने का दावा किया था, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2023 में लोगों के हाथ में 2015-16 के मुकाबले अधिक नकदी थी।
गोगोई ने कहा कि इसका अर्थ है कि लोग आज भी नकदी पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश की बैंकिंग व्यवस्था भेदभावपूर्ण है जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों और गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा।
गोगोई ने कहा कि सभी बैंकों को बताना चाहिए कि उनके बड़े निवेश कहां-कहां किए गए हैं।
उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अधिक शक्तियां दिए जाने की जरूरत भी बताई।
उन्होंने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि विदेश मंत्री कहते हैं कि 2020 में चीन के साथ टकराव की स्थिति होने के बाद से रिश्ता पहले जैसा नहीं है, वहीं वाणिज्य मंत्री कहते हैं कि चीन से अधिक आयात किया जा रहा है। गोगोई ने कहा कि मंत्रियों के बयानों में विरोधाभास है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि ‘इलेक्टोरल बांड’ भी इस सरकार की एक नाकामी है जिसका विरोध रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर ने भी किया था।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाया गया बैंककारी विधियां संशोधन विधेयक अधूरा है और भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए उसे संपूर्ण और ताकतवर विधेयक लाना चाहिए था।
इस दौरान गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ कथन का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा।
पीठासीन सभापति कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने गोगोई को अपना भाषण बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित विधेयक के पहलुओं तक ही सीमित रहने को कहा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि काफी दिन बाद आज सदन की कार्यवाही अच्छी तरह से चल रही है, वित्त मंत्री ने एक विधेयक पेश किया है जिस पर चर्चा होनी है।
उन्होंने गोगोई के भाषणों में उठाए गए कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘विधेयक पर चर्चा का एक मानक होता है। गोगोई नए सदस्य नहीं है। वह विपक्ष के उपनेता भी हैं। अपने भाषण की सीमा तय किए बिना उन्हें प्रधानमंत्री या किसी उद्यमी के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए। यह चर्चा का स्तर गिराना है। सदन की एक गरिमा होती है। उसका ध्यान रखा जाना चाहिए।’’
इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे। पीठासीन सभापति तेन्नेटी ने उनसे कहा, ‘‘आप इस तरह सदन को बाधित नहीं कर सकते।’’
उन्होंने संसद की कार्य प्रक्रिया के एक नियम का हवाला देते हुए कहा कि किसी विधेयक पर चर्चा के दौरान भाषण देते समय कोई सदस्य विधेयक के समर्थन में या उसके विरोध में अपनी बात रख सकते हैं और किसी सामान्य तरीके की चर्चा नहीं कर सकते।
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