चंडीगढ़, 27 नवंबर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पंजाब से किसानों के दल हरियाणा में पुलिस के अवरोधकों को तोड़ते हुए शुक्रवार सुबह दिल्ली की दो सीमाओं के निकट पहुंच गए। किसानों ने केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है।
दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को ही सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी थी, और प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघू बार्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर बालू से भरे ट्रक और पानी की बौछार करने वाली गाड़ियां तैनात कर दी गई थीं। साथ ही कंटीले तारों से बाड़ भी लगाई गई है।
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फरीदाबाद और गुरुग्राम से लगती दिल्ली की सीमा पर भी पुलिस तैनात की गई है।
इसके बावजूद किसानों के दो समूह सिंघू और टिकरी बार्डर के पास पहुंच गए और दिल्ली पुलिस ने उन्हें शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोडे।
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सिंघू बार्डर पर पहुंचने वाले एक दल में शामिल पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के एक किसान ने कहा,‘‘हम दिल्ली में प्रवेश करेंगे। हम इन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाएंगे। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में हमारा स्वागत आंसू गैस के गोलों से किया।
किसान समूह के अनुसार वे रात में कई स्थानों पर ठहरे और पानीपत में पुलिस अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली की सीमा के पास तक पहुंचे हैं।
रात में दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत में और उसके आसपास किसानों का एक बड़ा समूह डेरा डाले रहा और एक दल विभिन्न मार्गों से होता हुआ सोनीपत-दिल्ली सीमा पर पहुंच गया।
हरियाणा के किसानों का एक अन्य दल पानीपत में रात में ठहरने के बाद राज्य भारतीय किसान यूनियन (भकियू) के प्रमुख गुरनाम सिंह के नेतृत्व में दिल्ली की ओर बढ़ा।
किसानों का एक और समूह रोहतक जिले से दिल्ली के टिकरी बार्डर पर पहुंच गया है।
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