अतारेब (सीरिया), 14 फरवरी (एपी) सीरिया में गृहयुद्ध की स्थिति के कारण पहले से ही कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रही महिलाओं की परेशानियां हाल ही मे आए भीषण भूकंप के कारण और बढ़ गयी हैं।
सीरिया के उत्तरपश्चिमी कस्बे अतारेब में सात दिन पहले आए भूकंप में अपने घर गंवाने के बाद एक 'टेंट' में रह रही आयशा (43) और उसके परिवार के 11 सदस्यों को अभी भी पानी, बिजली और उष्मा जैसी बुनियादी चीजें मयस्सर नहीं है।
भीषण ठंड से बचने के लिए ऊन की भारी शॉल लपेटे आयशा को नहाने और कपड़े धोने के लिए अपने टेंट से 15 मिनट पैदल चलकर एक इमारत में बने स्नानघर में जाना पड़ता है। इन कार्यों के लिए आसपास यही एकमात्र जगह है। आयशा ने अपनी परेशानियों के बारे में कहा, ‘‘ जब मैं अपने घर को देखती हूं, तो सोचती हूं कि कोई जिंदा कैसे निकला? शायद मैं मर ही जाती तो अच्छा होता। मैं उस मलबे के नीचे से पूरी दुनिया का मलबा अपने कंधों पर लिए हुए आई हूं। ’’
आयशा नहीं जानती कि उसे और अन्य सीरियाई लोगों को कितनी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। देश में विगत 12 वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध के दौरान बिखरते परिवारों को एक साथ रखने की जिम्मेदारी विशेष रूप से महिलाओं के कंधों पर आई है।
सीरिया में गृहयुद्ध और कमजोर अर्थव्यवस्था ने लाखों लोगों को अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर कर दिया।
तुर्किये और उत्तरी सीरिया में छह फरवरी को आये 7.8 तीव्रता के भूकंप में 35,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा प्रभावित शहर पूरे के पूरे वीरान और कंक्रीट के मलबे में तब्दील हो गए हैं।
विभिन्न अस्पतालों के भूकंप पीड़ितों से भरे होने के कारण आयशा को अपने लीवर की बीमारी के इलाज और जांच के लिए चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
भूकंप में आयशा और उसके पति दोनों ने अपनी आय के स्रोत खो दिए हैं। आयशा के पति की टैक्सी क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि आयशा जिन कपड़ों को बेचा करती थी, उसका भंडार भी नष्ट हो गया है।
आयशा और उसके पति के पास अपने छह बच्चों और पांच पोते-पोतियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कुछ भी नहीं है। इन पोते-पोतियों में गृहयुद्ध में मारे गए उसके एक बेटे के दो बच्चे भी शामिल हैं। आंखों में आंसू लिए आयशा कहती है '' अगर कठिनाई ईश्वर के प्रेम का प्रतीक है तो इसका अर्थ है कि ईश्वर सीरिया के सभी लोगों से प्रेम करता है। ''
इस रूढि़वादी सुमदाय की अधिकतर महिलाओं की तरह आयशा भी अपना उपनाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बात करती है। अतरेब में एक शिविर में उनका टेंट विद्रोहियों के कब्जे वाला सीरिया का एकमात्र क्षेत्र है
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