देश की खबरें | स्वदेशी जागरण मंच ने प्रजनन दर में हो रही गिरावट पर चिंता जताई

नयी दिल्ली, चार दिसंबर स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कुल प्रजनन दर में ‘तेजी से हो रही गिरावट’ पर बुधवार को चिंता जताई और सरकार सहित सभी लोगों से इस मुद्दे पर ध्यान देने का आह्वान किया।

स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि कुल प्रजनन दर में गिरावट होने से जनसंख्या में ‘खतरनाक असंतुलन’ हो सकता है और इससे देश का विकास भी धीमा पड़ सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी हाल ही में यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि प्रजनन दर (टीएफआर) में हो रही गिरावट को ‘ग‍ंभीरता’ से लिया जाना चाहिए।

एसजेएम संघ का एक सहयोगी संगठन है।

संगठन के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा, ‘‘स्वदेशी जागरण मंच कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में तेजी से हो रही गिरावट पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। मंच इसका भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और हमारे समाज के अस्तित्व पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी चिंता व्यक्त करता है। ’’

टीएफआर का तात्पर्य महिला द्वारा जन्म दिए जाने वाले बच्चों की औसत संख्या से है।

उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने जून में लखनऊ में आयोजित अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें घटती प्रजनन दर पर चिंता जताई गई थी।

महाजन ने कहा, ‘‘हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने अपनी जनसंख्या को नियंत्रित रखने की समस्या है, ताकि हमारे विकास प्रयासों में कोई बाधा न आए। हमें यह समझना होगा कि यदि हमनें इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया तो इससे निर्भरता का बोझ बढ़ेगा और जनसंख्या में खतरनाक असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे देश के विकास की गति भी धीमी पड़ सकती है।’’

महाजन ने बताया कि आरएसएस प्रमुख ने भी टीएफआर के 2.0 से नीचे जाने पर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा, ‘‘लैंसेट के नवीनतम प्रकाशन में बताया गया था कि भारत की कुल प्रजनन दर 2021 तक घटकर 1.91 रह गई है। साथ ही इसने यह भी अनुमान जताया था कि 2050 तक टीएफआर गिर कर 1.29 हो जाएगी। ’’

महाजन ने कहा, ‘‘हमें इस चेतावनी को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि सरसंघ चालक जी ने कहा था कि यदि किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच सकता है। इसलिए, किसी भी स्थिति में टीएफआर 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी आदि में टीएफआर 2.1 से बहुत नीचे पहुंच गई, जिससे उनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया।’’

महाजन ने कहा, ‘‘भारत को इन देशों से सीखना चाहिए और कुल प्रजनन दर में हो रही गिरावट को रोकने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। ’’

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