देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय ने चंदा कोचर और उनके पति की जमानत के खिलाफ सुनवाई 12 जनवरी तक स्थगित की

नयी दिल्ली, तीन जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कथित ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 12 जनवरी तक स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया कि बंबई उच्च न्यायालय कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक की मंजूरी के खिलाफ पांच जनवरी को कोचर के मामले की सुनवाई करने वाला है।

पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों के वकील ने कहा है कि मुख्य रिट याचिकाएं पांच जनवरी को उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए तय की गई हैं। उम्मीद है कि उस तारीख को उच्च न्यायालय द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी और कोई भी पक्ष उक्त न्यायालय के समक्ष स्थगन के लिए अनुरोध नहीं करेगा। इस मामले को 12 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करें।’’

पीठ ने 16 अक्टूबर को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में उन्हें दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर कोचर से जवाब मांगा था।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि अदालत की कार्यवाही इस गलत अवधारणा पर आधारित है कि अपराध के तहत अधिकतम सात साल की सजा हो सकी है, लेकिन अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) पर विचार नहीं किया जिसके तहत 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है।

पीठ ने राजू से पूछा था कि जब आईसीआईसीआई एक निजी बैंक था तो भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) कैसे लागू हुई।

इस राजू ने जवाब दिया कि बैंक निजी हो सकता है, लेकिन यह मामला जनता के पैसे से जुड़ा है।

इसके बाद शीर्ष अदालत ने चंदा कोचर और उनके पति को दी गई दो सप्ताह की अंतरिम जमानत को बार-बार बढ़ाने पर आपत्ति नहीं जताने के लिए जांच एजेंसी की खिंचाई की।

बंबई उच्च न्यायालय ने इस साल नौ जनवरी को दंपति को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थी, लेकिन इसके खिलाफ सीबीआई ने शीर्ष अदालत में अपील की थी।

जमानत मिलने के एक दिन बाद चंदा कोचर मुंबई की भायखला महिला जेल से बाहर आ गईं, जबकि उनके पति को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया।

वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। कोचर के अलावा सीबीआई ने इस मामले में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था।

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