नयी दिल्ली, 19 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में बदतर वायु गुणवत्ता के बीच दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित चालकों एवं परिचालकों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही, जिसकी वजह से लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता रविवार से ही “अत्यंत गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है, तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 450 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।
समान वेतन और बेहतर कार्य स्थितियों की मांग को लेकर डीटीसी के अनुबंधित बस चालकों और परिचालकों की हड़ताल के कारण सरकारी बसों से सफर करने वाले लोगों को मंगलवार को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्हें अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए कैब, बाइक और टैक्सी का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण के कारण उत्पन्न ‘चिकित्सा आपात स्थित’ का हवाला देते हुए डीटीसी कर्मचारियों से मिलकर काम करने का अनुरोध किया।
राय ने कहा, “मैं उन लोगों (डीटीसी कर्मचारियों) के संपर्क में हूं और मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे समझें कि यह एक चिकित्सा आपात स्थिति है और हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।”
दिल्ली परिवहन निगम ने अनुबंध कर्मचारियों की मांगों और शिकायतों पर विचार करने के लिए सोमवार को अधिकारियों की एक समिति गठित की गई।
परिवहन निगम ने डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन से भी अनुरोध किया कि वे अनुबंधित कर्मचारियों की मांगों या शिकायतों से संबंधित पत्र यथाशीघ्र उपलब्ध कराएं ताकि उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
यह हड़ताल डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारियों में बढ़ते असंतोष को दर्शाती है। यह स्थिति सप्ताहांत में और बढ़ गई जब सरोजिनी नगर में नवनिर्मित महिला ‘सखी बस डिपो’ की महिला कर्मचारियों ने समान वेतन और नौकरी की सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सरकार उनकी प्रमुख समस्याओं का समाधान करे, जिसमें उनकी नौकरियों को नियमित करना और समान काम के लिए समान वेतन समेत अन्य मांग शामिल हैं।
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