नयी दिल्ली, 28 अगस्त राज्य सरकारों ने चालू खरीफ विपणन सत्र के लिए करीब 506 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है जो पिछले साल के बराबर ही है।
सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस साल धान की उपज में आंशिक गिरावट आने की आशंका के बावजूद सार्वजनिक खरीद के लक्ष्य में कोई कटौती नहीं की गई है।
मानसूनी बारिश कम रहने से धान की फसल की बुवाई समय पर नहीं सकी और खरीफ सत्र की इस प्रमुख फसल का रकबा पिछले साल की तुलना में करीब छह प्रतिशत घट गया है। ऐसा होने से इस साल धान की पैदावार भी कम रहने की आशंका पैदा हो गई है।
सूत्रों ने कहा कि धान की सरकारी खरीद के बारे में अंतिम फैसला अगले सप्ताह केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की राज्य सरकारों के साथ होने वाली बैठक में लिया जा सकता है। इस बैठक में धान की सरकारी खरीद के अनुमान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सरकार किसानों से धान की ही खरीद करती है और फिर उसे चावल मिलों में भेजकर चावल के रूप में प्रसंस्कृत किया जाता है। खरीफ मौसम के दौरान पैदा होने वाले धान की खरीद अक्टूबर से शुरू होती है। सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इसकी खरीद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों के निकाय करते हैं।
सरकार ने खरीफ सत्र 2022-23 के लिए सामान्य श्रेणी वाले धान का एमएसपी 2,040 रुपये प्रति क्विंटल और ए-ग्रेड वाले धान का मूल्य 2,060 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकारों ने खरीफ सत्र की धान उपज का एक शुरुआती आकलन किया है और उसी के हिसाब से सरकारी खरीद का एक लक्ष्य भी रखने का अनुमान बनाया है। सम्मिलित रूप से राज्य सरकारों ने 506 लाख टन धान की खरीद का अनुमान रखा है।
प्रेम
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