मुंबई, सात दिसंबर समाजवादी पार्टी (सपा) ने बाबरी मस्जिद 1992 में ढहाये जाने की शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक करीबी सहयोगी द्वारा सराहना किये जाने के बाद महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) से अलग होने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में समाजवादी पार्टी के दो विधायक हैं और उसे गठबंधन में शामिल होने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।
सपा के बाहर निकलने का असर एमवीए पर कम ही पड़ने की उम्मीद है, जिसे हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था क्योंकि उसे 288 सीट में से केवल 50 सीट ही मिली थीं। फिर भी, यह घटनाक्रम कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर क्षेत्रीय दलों के बीच जारी असंतोष को दर्शाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र राज्य में सपा की सीमित मौजूदगी के कारण सपा के गठबंधन से बाहर होने से एमवीए को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं है, लेकिन आगामी निकाय चुनाव से पहले यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि समाजवादी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व विपक्षी एकता पर अडिग है।
सपा विधायक अबू आजमी की यह घोषणा बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई देने वाला विज्ञापन एक स्थानीय अखबार में प्रकाशित होने के बाद की। इसके अलावा, उद्धव ठाकरे के एक करीबी सहयोगी एवं विधान परिषद सदस्य मिलिंद नार्वेकर द्वारा एक पोस्ट में उक्त कृत्य की प्रशंसा की, जिससे तनाव और बढ़ गया।
आजमी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘हम एमवीए छोड़ रहे हैं। मैं (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष) अखिलेश सिंह यादव से बात कर रहा हूं।’’
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