बेंगलुरु, 11 अक्टूबर कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के बेटे बी. वाई. विजयेंद्र को प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद ''वंशवादी राजनीति'' को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हो रही आलोचना के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता सी टी रवि ने शनिवार को इससे संबंधित सवालों से बचने की कोशिश की और एक गूढ़ टिप्पणी में कहा कि उन्हें भी कुछ 'सवाल' परेशान कर रहे हैं।
भाजपा ने शुक्रवार को वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के छोटे बेटे विजयेंद्र (47) को अपनी राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था। विजयेंद्र इससे पहले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। विजयेंद्र 2023 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शिवमोगा जिले की शिकारीपुरा सीट से पहली बार विधायक चुने गए हैं।
इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के नामों की चर्चा चल रही थी।
पार्टी नेतृत्व से नाराज होने के बारे में पूछे गए सवाल पर सी टी रवि ने कहा, ‘‘ मैंने विजयेंद्र को अपनी ओर से बधाई दे दी है। यह ताकत नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी कोई मांग कर ली जाने वाली चीज नहीं है। मैं किसी पद का आकांक्षी नहीं हूं और पिछले ढाई दशकों में मैंने पार्टी से कोई पद नहीं मांगा है, लेकिन मुझे पार्टी की ओर से जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे निभाया है। ’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मैंने पद नहीं मांगा,तो परेशान या असंतुष्ट होने का सवाल ही नहीं उठता। ’’
रवि ने कहा कि पार्टी ने विजयेंद्र को संगठन को मजबूत करने और आगामी लोकसभा चुनाव और भविष्य के अन्य चुनावों में अच्छे नतीजे सुनिश्चित करने के लिये यह जिम्मेदारी दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और हम सब इस दिशा में मिलकर काम करेंगे। ’’
विजयेंद्र की नियुक्ति को वंशवाद की राजनीति के रूप में देखे जाने के सवाल पर रवि ने कहा, ‘‘अगर मैं इस बारे में कुछ भी बोलूंगा, तो इसका गलत अर्थ लगाए जाने की संभावना है। आप (मीडिया) मेरा पिछला वीडियो दिखाएंगे, और आप इसे अलग-अलग चीजों से जोड़ सकते हैं। मैं इस स्थिति में इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह सवालों के रूप में मुझे भी उसी तरह परेशान कर रहा है, जैसे आपको कर रहा है।’’
गौरतलब है कि वंशवाद की राजनीति के खिलाफ रवि और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले कई बार बोल चुके हैं।
रवि ने गूढ़ तरीके से कहा, ‘‘कुछ सवाल हैं, जो मुझे भी परेशान कर रहे हैं, क्योंकि हम (बीजेपी में) एक खास ढांचे में विकसित हुए हैं...मैंने कभी भी पार्टी हित के खिलाफ नहीं सोचा है और ऐसा कभी नहीं करूंगा... अगर मैं कुछ कहूंगा तो यह आपके लिये बड़ी खबर बन जाएगी। जब जश्न चल रहा हो, तो मैंने कभी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं की।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या इस नियुक्ति के बाद अब भाजपा के पास वंशवाद की राजनीति के लिए कांग्रेस की आलोचना करने का नैतिक अधिकार है, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के मन में जो सवाल हैं, उन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करना उचित नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को एक बार फिर सत्ता में लाने के लिए पार्टी सदस्य के रूप में काम करेंगे।
रवि ने कहा, ‘‘मेरी व्यक्तिगत राजनीति के संबंध में, मैं संन्यासी नहीं हूं, व्यक्तिगत राजनीति 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद की है, तब तक यह राष्ट्रीय हित की राजनीति है, जिसका उद्देश्य मोदी सरकार को वापस लाना है।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)