चंडीगढ़, 30 अक्टूबर पंजाब में जारी खरीफ के मौसम में एक महीने में पराली जलाए जाने के 23,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि अनेक धान उत्पादक किसान फसलों के अवशेष जलाने पर लगे प्रतिबंध का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन ऐसे किसानों पर 85 लाख रुपये जुर्माना लगा चुका है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के एक अधिकारी ने इस साल धान की फसल के जल्दी उगने को पराली जलाए जाने के मामलों में वृद्धि की वजह बताया है और ऐसे मामलों में कमी आने की उम्मीद जतायी है।
राज्य सरकार ने पराली जलाए जाने के मामलों पर नजर रखने के लिये 8,000 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है और फसलों के अवशेषों को नष्ट करने के लिये और अधिक मशीनें दी हैं, इसके बावजूद पराली जलाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं।
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 21 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने के कुल 23,177 मामले सामने आए हैं।
आंकड़ों के अनुसार पिछले साल समान अवधि के दौरान राज्य में पराली जलाए जाने के 19,869 मामले सामने आए थे।
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