NEET Quota: तमिलनाडु गवर्नर ने मेडिकल एडमिशन में सरकारी स्कूल के छात्रों को 7.5% आरक्षण देने का बिल किया पास
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Unsplash.com)

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) ने विधेयक पर अपनी सहमति दी है, जो राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्रों को चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 7.5% आरक्षण प्रदान करेगा. राज्यपाल ने राज्य सरकार को वर्तमान 2020-21 शैक्षणिक वर्ष से कोटा शासन को लागू करने के लिए कार्यकारी मार्ग अपनाने के एक दिन बाद अपनी सहमति दी और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया.

अब राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 वीं तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों की 7.5 प्रतिशत सीटें अधिमान्य आधार पर अलग से स्थापित की जाएंगी. 7.5 प्रतिशत आरक्षण राज्य सरकार की कोटा सीटों पर सभी सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के लिए लागू है. यह स्व-वित्तपोषित मेडिकल / डेंटल कॉलेजों, अल्पसंख्यक और गैर-अल्पसंख्यक और सभी विषयों के तहत राज्य सरकार द्वारा आवंटित सीटों पर भी लागू होता है.राज्यपाल ने 26 सितंबर को लिखे पत्र के माध्यम से भारत के सॉलिसिटर जनरल की कानूनी राय मांगी और 29 अक्टूबर को राय प्राप्त की, राजभवन से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया. बयान में कहा गया, "जैसे ही राय प्राप्त हुई, माननीय राज्यपाल ने विधेयक को स्वीकृति दे दी है."

देखें ट्वीट:

डीएमके सहित विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया गया कि पुरोहित ने विधेयक को मंजूरी देने में देरी की, राजभवन ने यह स्पष्ट किया कि कानूनी राय प्राप्त होने के तुरंत बाद विधेयक को मंजूरी दे दी गई. गवर्नमेंट स्कूल्स बिल, 2020 के छात्रों को अधिमान्य आधार पर मेडिसिन, डेंटिस्ट्री, इंडियन मेडिसिन और होम्योपैथी में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में तमिलनाडु एडमिशन, 15 सितंबर को गवर्नमेंट स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया.