वाशिंगटन, 13 अक्टूबर : विश्वभर के प्रमुख देशों के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के भारत के प्रयासों की कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जापान, सऊदी अरब, नीदरलैंड और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक (डब्ल्यूबी) की सालाना बैठक से इतर हुईं इन द्विपक्षीय बैठकों में सीतारमण ने अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की, दुनिया के सामने खड़ीं प्रमुख आर्थिक चुनौतियों विशेषकर ऊर्जा संकट और मुद्रास्फीति, कर्ज वहनीयता और जलवायु परिवर्तन के बारे में चर्चा की.
इस अवसर पर वित्त मंत्री ने इन नेताओं से इस बारे में भी बात की कि अगले साल जी20 समूह की अध्यक्षता करने के दौरान भारत को किस तरह की भूमिका निभानी चाहिए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपने जापानी समकक्ष शुनिची सुजुकी के साथ द्विपक्षीय बैठक की और दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत आर्थिक सहयोग से संबंधित प्रमुख एजेंडे पर चर्चा की. जापानी वित्त मंत्री के साथ बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि यह वर्ष भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों के लिए विशेष रहा क्योंकि दोनों देश आपसी राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह भी पढ़ें : Mumbai Airport पर अलग-अलग मामले में 15 किलो सोना और 22 लाख रूपये का विदेशी मुद्रा बरामद, सात गिरफ्तार
इसके अलावा इस वर्ष भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है. वित्त मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक सीतारमण ने कहा कि 2023 विश्व मंच पर भारत और जापान के लिए बड़ी जिम्मेदारियां लेकर आया है क्योंकि दोनों देश क्रमशः जी-20 और जी-7 की अध्यक्षता संभाल रहे हैं. दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत आर्थिक सहयोग से संबंधित प्रमुख एजेंडे पर भी चर्चा की. दक्षिण कोरिया के उप प्रधानमंत्री और अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्री चू क्यूंग-हो के साथ अपनी बैठक के दौरान, सीतारमण ने अपने समकक्ष को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया.