नयी दिल्ली, 20 जुलाई : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखे जाने के राज्य सरकार के आदेश को शनिवार को ‘विभाजनकारी एजेंडा’ करार दिया. मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कावंड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखे जाने का आदेश जारी किया था. इस विवादास्पद आदेश को कुछ दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के निर्देश पूर्व में जारी किये गये हैं. सिब्बल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “कांवड़ यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश में सड़क किनारे लगने वाले ठेलों सहित सभी खाने-पीने की दुकानों को उन पर मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है. क्या यही है 'विकसित भारत' का मार्ग?” यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के बलिया में कोतवाली के सामने धारदार हथियार से युवक की हत्या
कांग्रेस के पूर्व नेता और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य ने कहा, “विभाजनकारी एजेंडा सिर्फ और सिर्फ देश को विभाजित करेगा.” विपक्ष के कई नेताओं ने इस आदेश पर आपत्ति जताई और इसे भेदभावपूर्ण करार दिया. कांग्रेस ने शुक्रवार को इस आदेश को ‘शरारत’ और ‘पक्षपात’ करार दिया था.