VK Saxena vs AAP: वीके सक्सेना ने कहा कि गंदगी के बीच रह रहे दिल्लीवाले, आप ने कहा; कानून-व्यवस्था पर ध्यान दें

नयी दिल्ली, 12 जनवरी : उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को कहा कि दिल्ली के लोग आम आदमी पार्टी (आप) के शासन में गंदगी के बीच रह रहे हैं और सत्तारूढ़ सरकार स्वच्छ जल और स्वच्छ नदी का अपना वादा पूरा करने में विफल रही है.उपराज्यपाल ने यह टिप्पणी पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा नेता विनय सहस्रबुद्धे के साथ एक पॉडकास्ट में की. वहीं ‘आप’ ने पलटवार करते हुए उपराज्यपाल को कानून-व्यवस्था पर ध्यान देने का सुझाव दिया और आरोप लगाया कि ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है.’’ सक्सेना ने पॉडकास्ट के दौरान कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने सात वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में 28,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो शहर में हर पाइपलाइन को बदलने के लिए पर्याप्त राशि है. सक्सेना ने कहा, ‘‘आप सरकार के शासन में दिल्ली के लोगों को सीवर के गंदे पानी के बीच रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है.”

उन्होंने कहा कि हर राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने लोगों को स्वच्छ पानी, स्वस्थ वातावरण, अच्छी सड़कें और बेहतर रहने की स्थिति प्रदान करे. शर्मा ने कहा, “फिर भी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली अब दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां कूड़े के पहाड़, प्रदूषित पानी और बहुत कुछ है.” उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी होने के बावजूद, दिल्ली में ऐसे इलाके हैं जहां लोग सात-आठ दिनों तक पानी के बिना रहते हैं और इस दौरान पूरी तरह से पानी के टैंकरों पर निर्भर रहते हैं. उन्होंने कहा कि शहर के कई हिस्सों में सीवर और पीने के पानी की पाइप समानांतर डाले हुए हैं और लीक होने के कारण सीवर का पानी पेयजल में मिल जाता है. यह भी पढ़ें :Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा पर महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं

सक्सेना ने कहा कि वह शहर की जल निकासी व्यवस्था को देखकर हैरान हैं. ‘आप’ ने सक्सेना के आरोपों का जवाब देते हुए दावा किया कि शहर के 99.7 प्रतिशत निवासियों के पास पाइप से जलापूर्ति की सुविधा है. सत्तारूढ़ सरकार ने सक्सेना से ‘क्षुद्र’ राजनीति बंद करने को कहा. पार्टी ने कहा, “दिल्ली सबसे कम महंगाई, अधिक प्रति व्यक्ति आय, मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा देने के साथ सबसे आगे है. तुच्छ, नकारात्मक राजनीति में लिप्त होने के बजाय भाजपा को बिगड़ती कानून- व्यवस्था की स्थिति को हल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए.”