मेदिनीनगर (झारखंड), तीन दिसंबर झारखंड के पलामू प्रशासन ने जिले के एक आश्रय गृह में दो लड़कियों के ‘‘यौन शोषण’’ के संबंध में कथित लापरवाही के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को बर्खास्त करने की राज्य समाज कल्याण विभाग से सिफारिश की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
प्रशासन ने आश्रय गृह का संचालन करने वाली एजेंसी का अनुबंध भी रद्द कर दिया है।
आश्रय गृह में दो लड़कियों के साथ कथित तौर पर यौन शोषण किया गया था और यह घटना तब प्रकाश में आई जब मानवाधिकार कार्यकर्ता संध्या कुमारी ने 29 नवंबर को आश्रय गृह का दौरा किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लड़कियों ने कुमारी को अपनी आपबीती सुनाई और दावा किया कि उनके साथ कई बार यौन शोषण किया गया।
त्वरित कार्रवाई करते हुए आश्रय गृह अधीक्षक समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की गहन जांच के लिए अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सुलोचना मीणा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।
पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि समिति ने सोमवार शाम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
रंजन ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के आधार पर हमने समाज कल्याण विभाग को बाल कल्याण समिति को बर्खास्त करने और उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की है क्योंकि यह समिति ही एजेंसी को अंतिम रूप देने के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, हमने जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) और संरक्षण अधिकारी (संस्थागत देखभाल) के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की है।’’
उन्होंने बताया कि आश्रय गृह चलाने वाली एजेंसी का अनुबंध रद्द कर दिया गया है और उसे काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
रंजन ने बताया कि आश्रय गृह के अधीक्षक समेत दो लोगों के फोन जब्त कर लिए गए हैं और उनकी फोरेंसिक जांच की जाएगी।
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