अगरतला, तीन दिसंबर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में ‘सनातनी युवा’ संगठन के नेतृत्व में हजारों लोग मंगलवार को एकत्र हुए और उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर रैली निकाली।
प्रदर्शनकारियों ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे कथित उत्पीड़न के खिलाफ विरोध जताया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ‘बांग्लादेश मार्च’ की अनुमति नहीं दी थी, इसलिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अखौरा एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) की ओर जाने नहीं दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के ‘‘अत्यधिक दमन’’ पर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश में पूरी तरह अशांति व्याप्त है और अल्पसंख्यकों को अपने ही देश में अत्यधिक दमन का सामना करना पड़ रहा है। नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक कुल 17,000 संपत्तियों पर हमला किया गया है। बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे पूरी दुनिया चिंतित है। हम अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाने वाले चिन्मय प्रभु की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।’’
प्रतिमा भौमिक ने लोगों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने का आग्रह किया और यह मांग की कि बांग्लादेश का प्रशासन अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोके और उन्हें उचित सुरक्षा प्रदान करे।
त्रिपुरा के अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में एक समूह द्वारा सोमवार को ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान कुछ लोगों द्वारा वहां अनधिकृत तरीके से प्रवेश कर ‘‘शांति भंग किए’’ किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को यह प्रदर्शन किया गया है।
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