देश की खबरें | राहुल गांधी रोजगार के मुद्दे पर युवाओं को कर रहे हैं गुमराह: भाजपा

नयी दिल्ली, 11 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए पार्टी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर रोजगार और सरकारी नीतियों के मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।

सत्तारूढ़ दल का यह आरोप ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने बुधवार को कहा था कि बेरोजगारी ने देश के युवाओं को पूरी तरह हतोत्साहित कर दिया है। उन्होंने यह दावा भी किया था कि भाजपा की शिक्षा विरोधी मानसिकता के कारण युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है।

गांधी की यह टिप्पणी एक मीडिया रिपोर्ट पर आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि 2024 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से स्नातक करने वाले छात्रों के प्लेसमेंट और वार्षिक पैकेज में गिरावट आई है।

भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले 10 वर्षों में लगभग 12.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है और हाल में जारी आरबीआई की नवीनतम रिपोर्ट में दिखाया गया है कि ‘अकेले 2023-24 में पांच करोड़ नौकरियों’ का सृजन हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण भारत रोजगार सृजन में दुनिया का सबसे सफल देश है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं का अपमान करने वाले राहुल गांधी अब झूठ बोलने के नए धर्म का पालन करने लगे हैं। वह और अन्य विपक्षी नेता झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।’’

भाजपा नेता ने कहा कि गांधी और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता भले ही दावा कर रहे हों कि देश में बेरोजगारी है और रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है लेकिन दुनिया ऐसा नहीं कहती।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे बहुपक्षीय और बड़े संस्थानों का कहना है कि भारत में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और रोजगार सृजन में देश शीर्ष पर है।

कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने तुगलकी नोटबंदी, जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी और चीन से बढ़ते आयात के माध्यम से रोजगार पैदा करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को खत्म करके भारत में ‘बेरोजगारी संकट’ को और बढ़ा दिया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में वैश्विक बैंक सिटीग्रुप की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह आंकड़ा चिंताजनक है।

इस्लाम ने पलटवार करते हुए कहा कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में महज 2.9 करोड़ नौकरियों का सृजन किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘बेरोजगारी दर जो 2017 में छह प्रतिशत थी, अब घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है।’’

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों ने संकेत दिया कि भारत ने 2023-24 के दौरान लगभग 4.7 करोड़ नौकरियां जोड़ी है और इससे पूरी अर्थव्यवस्था को शामिल करने वाले 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की कुल संख्या 64.33 करोड़ हो गई।

‘टॉर्नक्विस्ट एग्रीगेशन फॉर्मूले’ का उपयोग करते हुए, आरबीआई ने कहा कि 2023-24 के दौरान रोजगार में वार्षिक वृद्धि छह प्रतिशत थी जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 3.2 प्रतिशत थी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा था कि भारत की डेटा विश्वसनीयता में भारी गिरावट आई है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘आरबीआई का कहना है कि 2024 में नौकरियों में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत की डेटा संबंधी विश्वसनीयता में भारी गिरावट आई है। मोदी का प्रचार सच्चाई को दबा रहा है।’’

उन्होंने गैर-सरकारी आर्थिक थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (सीएमआईई) द्वारा जारी आंकड़ों को भी साझा किया, जिसमें दर्शाया गया है कि जून 2024 में बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत थी।

येचुरी ने कहा, ‘‘सीएमआईई का यह आंकड़ा 2014 के बाद से बेरोजगारी के बढ़ते स्तर को दर्शाता है, जो 2024 में अपने उच्चतम स्तर 9.2 प्रतिशत पर पहुंच गया है।’’

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