नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को राजनयिक माध्यम से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते को पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया. करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से भारत से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर, नरोवाल, पाकिस्तान तक तीर्थयात्रियों की यात्रा की सुविधा के लिए 24 अक्टूबर, 2019 को हस्ताक्षरित यह समझौता पांच साल की अवधि के लिए वैध था. विदेश मंत्रालय ने कहा, "इस समझौते की वैधता का विस्तार भारत के तीर्थयात्रियों द्वारा पाकिस्तान में पवित्र गुरुद्वारा जाने के लिए गलियारे के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करेगा."
प्रति तीर्थयात्री पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 अमेरिकी डॉलर सेवा शुल्क को हटाने के संबंध में तीर्थयात्रियों के निरंतर अनुरोधों को देखते हुए नई दिल्ली ने एक बार फिर इस्लामाबाद से तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क नहीं लगाने का आग्रह किया. इस समझौते में अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय तीर्थयात्रियों के साथ-साथ ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों को पूरे वर्ष दैनिक आधार पर भारत से पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर तक वीजा-मुक्त यात्रा का प्रावधान है. यह भी पढ़ें : झारखंड चुनाव: झामुमो ने 35 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, हेमंत सोरेन बरहेट से चुनाव मैदान में
तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए डेरा बाबा नानक शहर से जीरो पॉइंट तक एक राजमार्ग और भारतीय पक्ष में एक एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) सहित एक आधुनिक बुनियादी ढांचा बनाया गया है. श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के सीईओ की नियुक्ति पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा की जाती है. नवंबर 2019 में इसके उद्घाटन के बाद से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उपयोग लगभग 2,50,000 तीर्थयात्रियों द्वारा गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर के दर्शन के लिए किया गया है.